निजी कर्मचारियों की मौत पर मिलेंगे 7 लाख, देश के सभी राज्यों के प्राइवेट कर्मियों को होगा फायदा.. केंद्र सरकार ने दिए निर्देश

भोपाल, मध्यप्रदेश। कोरोना काल में निजी कर्मचारियों के लिए अच्छा फैसला लिया गया है। कर्मचारी की मौत होने पर परिजनों को 7 लाख रुपए दिए जाएंगे। इससे प्रदेश के 10 लाख से ज्यादा कर्मचारियों को फायदा होगा। केंद्रीय मंत्रालय ने इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी किया।

दरअसल, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन अपने मेंबर इंप्लॉइज को लाइफ इंश्‍योरेंस की सुविधा उपलब्‍ध कराता है। EPF के सभी सब्सक्राइबर इंप्लॉइज डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम 1976 के तहत कवर होते हैं। यह इंश्‍योरेंस कवर अधिकतम 7 लाख रुपये का होता है। पहले यह रकम 6 लाख रुपये थी, जिसे हाल ही में बढ़ाकर 7 लाख किया गया है।

कौन कर सकता है क्लेम

अगर आप किसी प्राइवेट संस्थान में काम करते हैं और EPF के सदस्य हैं तो आपके बीमार होने पर या दुर्घटना होने पर या फिर स्वाभाविक मौत पर भी आपके नॉमिनी इस क्लेम का दावा कर सकते हैं। अगर कोई कर्मचारी मौत होने से 12 महीने पहले एक से ज्यादा संस्थानों में काम करता है तो इसके परिवार को भी यह सुविधा मिलती है।

इसमें नॉमिनी को पेमेंट एकमुश्‍त किया जाता है। EDLI में इम्‍प्‍लाइॅज को कोई रकम नहीं देनी होती है। अगर स्कीम के तहत कोई नॉमिनेशन नहीं हुआ है तो क्‍लेम कर्मचारी का जीवनसाथी, कुंवारी बच्चियां और नाबालिग बेटा/बेटे कर सकेंगे। कोरोना महामारी से भी अगर ईपीएफओ सब्‍सक्राइबर की मौत होती है तो इंश्‍यारेंस क्‍लेम कर सकते हैं।

प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों का EPF खाता होता है। इस खाते में कर्मचारी की सैलरी का कुछ हिस्सा और कंपनी की तरफ से उतनी ही रकम हर महीने जमा की जाती है। 60 साल के बाद इन कर्मचारियों को यह पैसा दिया जाता है। प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों को भी कई तरह की सुविधाएं मिलती हैं। कोरोनाकाल में इन योजनाओं के बारे में जानना जरूरी है। ये सुविधाएं बिना कुछ खर्च किए मिलती हैं। साथ ही अनहोनी की स्थिति में परिवार को आर्थिक सहयोग करती हैं। ईपीएफओ की ईडीएलआई स्‍कीम भी कुछ ऐसी ही है।

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