न बोल सकता है, न खा सकता है बिना जबड़े का यह शख्स, लेकिन फिल्मी है इसकी लव स्टोरी

Latest Trending News: दुनिया में लाखों लोग अलग-अलग तरह की शारीरिक जटिलताओं के साथ पैदा होते हैं. इन जटिलताएं की वजह से जहां एक तरफ उन्हें कई दिक्कतें होती हैं, तो दूसरी ओर अधिकतर लोग उनका मजाक उड़ाते हैं या हीन भावना से देखते हैं. इस परिस्थिति में कई लोग टूट जाते हैं, जबकि कुछ ऐसे भी होते हैं जो मजबूती से हर चुनौतियों का सामना करते हैं. ऐसे मजबूत हौसले वाले एक शख्स हैं जोसेफ विलियम्स. आइए जानते हैं जोसेफ के संघर्ष की कहानी.

जन्म से ही है दुर्लभ बीमारी

अमेरिका के शिकागो में रहने वाले 41 साल के जोसेफ विलियम्स दुर्लभ बीमारी ओटोफेशियल सिंड्रोम के साथ पैदा हुए. इस बीमारी की वजह से उनका जबड़ा ही नहीं था. ऐसे में वह न बोल पाते हैं और न कुछ खा पाते हैं. उन्हें सांस लेने में भी दिक्कत होती है. उनकी इस समस्या की वजह से लोग उनसे दूर भागते थे. उन्हें भी अपने भविष्य की चिंता सताती थी. उनके मन में अक्सर ये सवाल आता था कि मुझसे शादी कौन करेगा.

2020 में की शादी

जोसेफ कहते हैं कि लोगों की उपेक्षा की वजह से कई बार वह टूट जाते थे, लेकिन उन्होंने अपना सकारात्मक जज्बा बनाए रखा. वह हर मुश्किलों से लड़ते रहे. वह कहते हैं कि डेटिंग मेरे लिए काफी चुनौतिपूर्ण था. मैं खुद को बेकार समझता था, लेकिन मेरी मुलाकात 2019 में वानिया से हुई. उनसे मिलकर विश्वास आया. जोसेफ ने बताया कि पहले हम अच्छे दोस्त बने. धीरे-धीरे बात होती गई तो दोस्ती प्यार में बदली. इसके बाद हम लोगों ने 2020 में शादी करने का फैसला किया.

‘लोगों को करना चाहिए अच्छा व्यवहार’

जोसेफ ने बताया शादी के बाद भी लोगों को लगता था कि हम बहुत ज्यादा दिन साथ नहीं रह पाएंगे. कई बार मुझे भी ऐसा लगा, लेकिन वानिया ने मेरा पूरा साथ दिया. अभी तक हम एक साथ हैं. वह कहते हैं कि मैं जानता हूं कि मैं दूसरे लोगों से अलग हूं. मैं बुरा दिखता हूं, शायद इसलिए लोग मुझसे दूर भागते हैं, लेकिन मैं भी एक दिल रखता हूं और मेरे अंदर भी भावनाएं हैं. लोगों को मेरे साथ भी अच्छा व्यवहार करना चाहिए.

ट्यूब से खाते हैं खाना

जोसेफ ने बताया कि लोग अगर उन्हें घूरने की जगह उनसे सवाल पूछें तो अच्छा लगेगा. वह अभी साइन लैंग्वेज से बात करते हैं. उन्हें खाने के लिए पेट से जुड़े एक खास ट्यूब का सहारा लेना पड़ता है. इस ट्यूब से सिर्फ ब्लेंडेड फूड ही अंदर जाता है. उन्हें किसी भी खाने को टेस्ट न कर पाने का मलाल है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button