परसदा स्थित अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के सुरक्षा गार्ड देवेश जांगड़े की हत्या का राज तीन साल बाद आखिरकार खुल गया। देवेश की हत्या उसके तीन साथियों ने ही मिलकर की थी। पुलिस ने तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
रायपुर। परसदा स्थित अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के सुरक्षा गार्ड देवेश जांगड़े की हत्या का राज तीन साल बाद आखिरकार खुल गया। देवेश की हत्या उसके तीन साथियों ने ही मिलकर की थी। आश्चर्यजनक यह है कि पकड़े गए आरोपितों से तीन साल के दौरान पुलिस ने कई बार पूछताछ की थी, लेकिन वे लगातार गुमराह करते रहे। नए सिरे से एक बार फिर से पुलिस ने सख्ती से पूछताछ शुरू की तो एक आरोपित टूट गया। उसने हत्या की सारी सच्चाई उगल दी।
एएसपी सिटी अभिषेक महेश्वरी, एएसपी ग्रामीण कीर्तन राठौर, सीएसपी माना कल्पना वर्मा ने पुलिस कंट्रोल रूम में अंधे कत्ल का राजफास किया। उन्होंने बताया कि 29 सितंबर, 2019 को चमन जांगड़े ने मंदिर हसौद थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि परसदा क्रिकेट स्टेडियम की सुरक्षा में तैनात उसका छोटा भाई देवेश जांगड़े लापता है। पुलिस ने जांच शुरू की थी कि दूसरे दिन ही परसदा स्थित पनखटिया तालाब की मेड़ के किनारे देवेश की लाश मिल गई। लाश का पोस्टमार्टम कराया गया। 11 नवंबर को पीएम रिपोर्ट में देवेश की मौत किसी ठोस व भोथले वस्तु से शरीर के विभिन्ना हिस्सों वार करने से आई चोट, गला दबाने से होना बताया गया। इसके आधार पर पुलिस ने हत्या व साक्ष्य छिपाने का केस दर्ज कर कई महीनों तक जांच की लेकिन हत्याकांड का सुराग नहीं मिला तब पुलिस ने केस को डंप कर दिया।एसएसपी के निर्देश पर लंबित केस की फाइल खुली तब फिर से हरकत में आई।
पत्नी से अवैध संबंध की शंका पर मारा
घटना के पूर्व अंतिम बार देवेश जांगड़े को गांव के अमन जांगड़े, चंद्रशेखर जांगड़े और कमलेश जांगड़े के साथ पनखटिया तालाब में मछली पकड़ते देखा गया था। लिहाजा अमन जांगड़े से कड़ाई से पूछने पर उसने बताया कि देवेश का चंद्रशेखर जांगड़े की पत्नी के साथ अवैध संबंध था, वहीं एक अन्य आरोपित के बहन के साथ संबंधों की भी चर्चा गांव में हो रही थी। इससे क्षुब्ध होकर चंद्रशेखर ने अमन जांगड़े, कमलेश को देवेश को हमेशा के लिए रास्ते से हटाने की योजना बनाई।
योजना के अनुसार चंद्रशेखर और अमन जांगड़े देवेश को पहले लखौली शराब दुकान लेकर गए। वहां देवेश को अधिक शराब पिलाकर उसकी बाइक से ही रात में पटखनिया तालाब पहुंचे,जहां पहले से कमलेश मौजूद था। वहां सभी ने अपना शर्ट, मोबाइल निकालकर रखा। चंद्रशेखर के इशारे पर अमन, कमलेश मृतक देवेश को तालाब के दूसरी तरफ लेकर गए। वहां बिजली के तार से तालाब के पानी में करंट फैलाकर मछली पकड़ने लगे।इसी बीच मौका पाकर आरोपितों ने मारपीट करते हुए धक्का देकर देवेश को नीचे गिरा दिया। इस बिजली तार से देवेश का गला घोटकर हत्या कर दी, फिर लाश को तालाब के किनारे छिंद पेड़ की ठूंठ व झाड़ियों में छिपाकर घर चले गए। पुलिस ने तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।