पदोन्नति में आरक्षण : बिलासपुर में आदिवासी समाज ने किया आंदोलन, सड़क पर भारी वाहनों की लंबी कतार

कोटा (बिलासपुर)। छत्तीसगढ़ प्रदेश सर्व आदिवासी समाज के आह्वान पर सोमवार को कोटा नाका चौक पर आदिवासी समाज के पदाधिकारियों ने आर्थिक नाकेबंदी करते हुए सभी मालवाहक गाड़ियों को रोककर प्रदर्शन किया। उन्होंने अपनी 9 सूत्रीय मांगों पर जल्द कार्रवाई नही होने का हवाला देते हुए मजबूरन प्रदर्शन करने की बात कही है। इस दौरान सड़क पर दोनों ओर भारी वाहनों की लंबी कतारें लग गई, हालांकि इस दौरान अन्य वाहनों को नही रोका गया। प्रदर्शन के दौरान सर्व आदिवासी समाज ने 9 सूत्रीय मागें रखीं, जिसमें प्रमुख रूप से पदोन्नति में आरक्षण तत्काल लागू करने, पिंगुआ समिति की रिपोर्ट आने तक सामान्य जाति के लिए किये गये पदोन्नति को निरस्त कर पूर्णतः रोक लगाने, वर्षो से लंबित बैकलाग आरक्षित पदों पर तत्काल भर्ती प्रारंभ करने, स्वामी आत्मानंद विद्यालय में विद्यार्थियों के भर्ती में भी आरक्षण रोस्टर पद्धति का अनुपालन करने, तखतपुर क्षेत्र के नरेश कुमार ध्रुवंशी जो बलौदा बाजार न्यायालय में उप संचालक अभियोजन के पद पर कार्यरत हैं, को गलत जाति प्रमाण पत्र पेश किए जाने के कारण तुरंत बर्खास्त करने, छात्रवृत्ति योजना में आरक्षित वर्ग के पालकों का निर्धारित वार्षिक आय सीमा ढाई लाख रूपये को तत्काल समाप्त करने, आदिवासी समाज की बहन-बेटियों को बहला-फुसलाकर उनसे शादी करके उनके नाम पर जमीन खरीदने एवं सरपंच / पार्षद बने लोगों पर दंडात्मक कार्यवाही कर जमीन वापस कराने, प्रदेश में 18 जनजातियों को की जाति में मात्रात्मक त्रूटियों को तत्काल दूर करने, आदिवासी सलाहकार परिषद के अध्यक्ष के रूप में आदिवासी व्यक्ति की ही नियुक्ति की अनिवार्यता तथा पांचवी अनुसूची क्षेत्रों में भी PESHA Act (पेशा कानून ) लागू करने आदि की मांगें शामिल हैं।

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