
*पखांजुर से बिप्लब कुण्डू//1.3.22
पखांजूर–
छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन वि. खंड कोयलीबेडा द्वारा अनुविभागीय अधिकारी रा.पखांजुर कार्यालय को ज्ञापन सौंपकर संचालक रंजीत कर द्वारा प्रमुखता से अवगत कराया गया कि कोयलीबेड़ा विकास खण्ड में शिक्षक संवर्ग साथी गण को तहसील कार्यालय, स्वास्थ विभाग, व विभिन्न विभागों में गैर शैक्षणिक कार्य करने हेतु अपने सुविधा के लिए आदेश करते हुए संलग्न कर अपने कार्य करने हेतु ड्यूटी लगाई जा रही है। लेकीन विगत महीनों से कोविंड.19 की तीसरी लहर होने के कारण स्कूलों को बंद किया गया था और शिक्षक कार्य कर रहे थे, लेकिन वर्तमान समय में स्कूल खुल गया है और परलकोट क्षेत्र स्कूल में छोटे -छोटे बच्चे अपने स्कूल तो पहुंच रहें हैं और लेकीन उनके बीच अपने शिक्षक को नहीं मिलने से मायूस होकर बच्चे लौट जा रहे हैं, उनके बालपन के शिक्षा ग्रहण करने से वंचित उनके क्षेत्र के अधिकारी कर रहे । लेकीन छ.ग. शासन से आदेश जारी होने के बाद भी कोयलीबेड़ा में विभिन्न विभागों में संलग्न कर शिक्षकों से कार्य लिया जा रहा है। और मासूम बच्चे को उनके बौद्धिक क्षमता विकास को बढ़ावा देने के बजाए उन्हें अपने सुविधा के लिए उनका शिक्षक को मूल कार्य से वंचित कर रहे हैं। मासूम बच्चे निःशुल्क व बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 धारा 27 का उल्लन करते हुए , गैर शिक्षक कार्य में संलग्न कर बच्चो का पढ़ाई से कोयलीबेडा में वंचित किया जा रहा है। छोटे मासूम बच्चे को भी शायद अवगत नहीं होता है की उनके बच्चे का स्कूल खुलने के बाद भी उनके मासूम बच्चे के गुरुजी किया काम करने हेतु विभिन्न कार्यकाल पर काम कर रहे पता भी नहीं होता, और बच्चे अपने पढ़ाई से वंचित हो रहे हैं, जो वर्तमान समय में स्कूल पर पढ़ाई हेतु नवा जतन योजना, 100 दिनो गणित पठन कौशल विकास योजना संचालित है लेनिक शिक्षक लम्बे समय तक गैर शैक्षकिय कार्य करने से बच्चे का पढ़ाई, मूल्यांकन, विषय संबध शिक्षा ग्रहण से वंचित हो रहे हैं। जिस संदर्भ में तहसील दार शेखर मिश्रा जी द्वारा शिक्षको को कुछ दिन और कार्य करने के पश्चात उनको अपने मूल शाला में वापस भेज दिया जाएगा बोलते हुए आश्वासन दिया गया। जिसमें सहायक शिक्षक फेडरेशन के संचालक गणेश दास, अशोक मृद्धा, लोकेश कुमार उइके द्वारा शीघ्र से शीघ्र शिक्षक संवर्ग साथी गण को मूल कार्य करने हेतु स्कूल भेजने की मांग किया गया, ताकि उनके मासूम बच्चे का पढ़ाई से वंचित होना ना पढ़े। , जिसमे शिक्षक संवर्ग के रंजीत कर, सुभाषित नाग, गुरूदास बेनर्जी, तूमेश विश्वकर्मा, जयंत दास, गोविंद बघेल , असित मण्डल, उमेश शुक्ला, लालमन पटेल आदि ।