पाकिस्तानियों को लगी ऐसे नशे की लत, सुनकर ही उड़ जाएंगे आपके होश

इस्लामाबाद: आर्थिक रूप से बदहाल पाकिस्तान (Pakistan) के लोग नशे की ऐसी गिरफ्त में हैं कि बिच्छू (Scorpions) का इस्तेमाल करने से भी नहीं चूक रहे. मुल्क के कई हिस्सों में इस जहरीले नशे का चलन जोरों पर है. खासतौर पर खैबर पख्तूनख्वा (केपी) में ऐसे मामले सबसे ज्यादा देखने को मिले हैं. हालांकि कोई सटीक आंकड़ा नहीं है कि कितने लोग इस नशे के शिकार हैं, लेकिन बिच्छू को नशे के तौर पर इस्तेमाल का पता लगाने के लिए शोध किया जा रहा है.

Scorpion Smoking अब आम बात

पाकिस्तानी अखबार ‘डॉन’ की खबर के मुताबिक, खैबर पख्तूनख्वा के नारकोटिक्स कंट्रोल डिपार्टमेंट के पूर्व कर्मचारी अजीमुल्लाह ने कई सालों तक प्रांत की यात्रा की है. उन्हें प्रांत के करीब सात जिलों में ऐसे नशेड़ी मिले. रिपोर्ट में उन्होंने नशा करने वालों की संख्या का खुलासा तो नहीं किया है, लेकिन उनका दावा है कि अब बिच्छू को नशे के तौर पर इस्तेमाल करना प्रांत में कोई दुर्लभ ड्रग नहीं है। अजीम ने पाकिस्तान में Scorpion Smoking के लिए कानूनों की कमी पर टिप्पणी की.

‘हत्या रोकने के लिए कानून की जरूरत’

अजीमुल्लाह ने कहा कि हमें बिच्छुओं की हत्या को रोकने के लिए कानूनों की जरूरत है. बिच्छू का इस्तेमाल कैंसर और एड्स जैसी बीमारियों की दवाओं में किया जाता है. जब तक बिच्छू के इस्तेमाल को नियंत्रित नहीं किया जाता, चिकित्सा के लिए बिच्छुओं की उपलब्धता पर खतरा बना रहेगा. वहीं, एक्सपर्ट्स का कहना है कि बिच्छू का जहर इंसान के दिमाग के लिए खतरनाक होता है. बिच्छुओं की 1,750 ज्ञात प्रजातियों में से 25 मनुष्यों के लिए घातक हैं.

इस तरह पहुंचाता है नुकसान

पाकिस्तानी डॉ अजाज जमाल के अनुसार, बिच्छू का धूम्रपान (Smoking Scorpions) याददाश्त के लिए भी हानिकारक होता है. इस नशे की लत वाले व्यक्ति को नींद-भूख से जुड़ी बीमारियां हो जाती हैं और वह लगातार भ्रम की स्थिति में रहने लगता है. डॉन की रिपोर्ट में बिच्छू धूम्रपान कर चुके एक व्यक्ति के हवाले से बताया गया है कि मरे बिच्छू को पहले धूप में सुखाया जाता है, फिर कोयले पर जलाया जाता है. कोयले पर बिच्छू को तब तक पकने दिया जाता है जब तक कि उससे धुआं न निकलने लगे. फिर उसे धुएं को नशेड़ी सूंखते हैं. बिच्छू की जहरीली पूंछ को नशेड़ियों के बीच खासतौर पर पसंद किया जाता है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button