पाराघाट के निर्वाचित सरपंच राशि स्टील प्लांट के धनबल का हो रहा शिकार
कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को सोपा ज्ञापन, अपनी जान को बताया खतरा
बिलासपुर मस्तूरी जनपद पंचायत मस्तूरी अंतर्गत ग्राम पंचायत पाराघाट के सरपंच प्रदीप सोनी ने बिलासपुर कलेक्टर और पुलिस अधिक्षक को संयुक्त रूप से शिकायत करते हुए ज्ञापन सौपा है जिसमे राशि स्टील प्लांट के संचालक रोहित अग्रवाल एवं प्रबंधन संचालक विवेक खेमका के विरुद्ध गंभीर आरोप लगाते हुवे शिकायत की है
जिसमे मिडिया को ब्यान देते हुवे कहा है की उनके खिलाफ षड्यंत्र किया जा रहा है जिसमे धनबल का उपयोग कर के कानून के विभिन्न धाराओं में फंसाकर रासुका में नाम दर्ज करवा कर जिला बदर करवा देंगे उन्होंने साथ में ये भी बताया है इस सन्दर्भ में विवेक खेमका द्वारा दी गई धमकी गाली गलौज कि ऑडियो रिकार्डिंग कि पेनड्राइव भी जमा की हुई है .हमारे संवाददाता को दिए गए ब्यान में साफ़ झलक रहा है कि राशि स्टील बदले कि भावना सरपंच केलिए रखता है क्यों राशि स्टील को कई मोर्चे में शिकस्त दे चूका है पाराघाट सरपंच .बीते वर्ष में राशि स्टील प्लांट में कार्यरत श्रमिकों के वेतन विसंगति के खिलाफ धरना आंदोलन कर राशि स्टील प्रबंधन को झुकने पर मजबूर किया और श्रमिकों की मांग को राशि स्टील को मानना पड़ा साथ क्षेत्र के किशानो के फसलों को प्लांट के दूषित पानी और डस्ट से हो रहे नुकशान के खिलाफ हमेसा से स्थाई मोर्चा खोला हुवा है जिससे शासन प्रशासन को अवगत कराते रहे है जिससे प्लांट के मनसूबे पर पानी फिरता स्पष्ट प्रतीत हो रहा है .अब तक के सबसे बड़े विरोध में राशि प्लांट के अंदर संचालित कोल वाशरी जो कि पूरी तरह से अवैध है बिना जनसुनवाई एवं पंचायत से एनओसी न जारी होना है यानि सरपंच ने साफ तौर पर राशि स्टील प्लांट के कोल वाशरी को एनओसी देने से साफ़ तौर पर इंकार कर दिया है जिसकी शिकायत संबंधित विभागों में की जा चुकी है लेकिन आज तक कोई कार्यवाही करने नहीं गया मतलब धनबल का उपयोग हो रहा है और इसी बल के आधार पर एक दिन सरपंच के ऊपर रासुका लग जाए तो कोई बड़ी बात नहीं होगी पर कानून की आँखों पर इसलिए होती वो निष्पक्ष होकर न्याय दे किन्तु यहाँ पर व्यवस्था कुछ अलग ढंग काम करते प्रतीत हो रहा है .एक निर्वाचित सरपंच को भय सता रहा है कि कही उसे किसी मामले में न फंसा दे.सरपंच ने तो अपने ग्रामवासियों के भलाई केलिए संघर्ष किया पर हासिल आया अपंगता ,दुर्घटना मारपीट दर बदर कि ठोकर