पुराना बस स्टैंड कर्बला क्षेत्र में बीसी खेलवाने का झांसा देकर 1करोड़ का दुकान पर कब्जा कर लिया महिला ने लगाए संगीन आरोप

जाँच अधूरी होगी आगे कि कार्यवाही

बिलासपुर यह पूरा मामला सिंधी समाज  के दो पक्षो के बिच चल रहीं 5वर्ष पुरानी विवाद से जुड़ा है. बताया जा रहा है कि पुराना बस स्टैंड क्षेत्र क़र्बला रोड़ खर्शन गाली जिसमे तीन मंजिला मकान के साथ दुकान भी बना हुवा मकान मालिक सरिता पंजवानी है.पति पवन पंजवानी के साथ प्रीतम अडवाणी बीसी का लेन देन करता था जिसमे बताया जा रहा है जो बीसी का पैसा पवन कि तरफ बकाया थे जिसको प्रीतम को वापसी कर दी गई थी किन्तु सिक्योरिटी चेक को प्रीतम ने चालाकी करते हुए वापस नहीं किया पंजवानी परिवार के साथ घरेलु संबंध का फायदा उठाते हुए प्रीतम ने पवन से दुकान किराए पर 3महीना केलिए मांगी भरोसा और घरेलु संबंध होने के कारण  कोई किरायानामा नहीं लिखा गया बाद में जो सिक्योरिटी चेक को दुकान हथियाने केलिए उपयोग किया गया. उक्त चेक में पवन का मात्र हस्ताक्षर था बाकी सारे डिटेल्स ब्लेंक थे जिसकी पुष्टि राइटिंग एक्सपर्ट के रिपोर्ट से स्पष्ट किया जा सकता है. पैसा लेना और देना जैसे षड्यंत्र में दुकान को पूरी तरह से उलझा कर कब्जा कर लिया गया है जिस दुकान का किराया 18हजार प्रति माह मात्र तीन माह केलिए घरेलु चर्चा कर के प्रीतम ने दुकान कब्जीया लिया और साथ ही उस दुकान में अपने मर्जीमाफीक निर्माण कार्य भी करते चला आरहा है जो कि सरासर विश्वासघात प्रतीत होता है उक्त बेजा कब्जा दुकान के सौदा को लेकर कोई इकारारनामा निष्पादित और न ही कोई विक्रय विलेख पत्र लिखा गया फिर भी प्रीतम अपने आपको उस दुकान का मालिक समझ बैठा है जब ज़ब उस दुकान में मालिक सरिता पंजवानी या उसके परिवार से कोई भी जाता है उसे किसी न किसी विवाद में उलझाने फंसाने कि कोशिस होती है. कर्बला क्षेत्र बिलासपुर का व्यवसायिक दृष्टिकोण से पूर्ण विकसित क्षेत्र है जिस कारण से यहाँ किसी का स्वयं का दुकान या मकान होना किसी उपलब्धि से कम नहीं लगभग इस कब्जे वाली दुकान कि कीमत करोड़ में है सरिता पंजवानी के दो बेटियां एक बेटा है पति का अपना व्यवसाय है बीसी खेलना पति का निजी विषय है उसमे पत्नी कि कोई सहभागिता नहीं है और न ही प्रीतम ने कभी दुकान के खरीदी करने के विषय में खुलकर कोई चर्चा कि न कोई प्रस्ताव दिया. उसने सीधा सीधा विश्वासघात कर के दुकान पर कब्जा कर लिया और कोर्ट में झूठी कहानी कि संगरचना कर के उलझा रखा है. यदि कोर्ट में मामला विचाराधीन है तो किसी भी पक्ष को विचाराधीन संपत्ति पर कोई नया निर्माण कार्य नहीं करना चाहिए यह नियम कहता है

किन्तु ऐसा नहीं है प्रीतम आए दिन अपने भाई बेटे के साथ मिलकर दुकान के स्वरूप को बदलने में लगे रहते है एक महिला को कमजोर जानकर उसके साथ बल आजमाइस करते रहते है जिसका ताज़ा उदाहरण 2 नंबर को फिर से आया इस बार वीडियो भी सबूत के तौर पर सामने आया है जिसमे प्रीतम नंदू और उनका बेटा तीनो महिला के साथ हुज्जतबाजी गाली गलौज धक्का मुक्की महिला के सीने को पकड़कर धक्का देना स्पष्ट देखा और सुना जा सकता है सिटी कोतवाली थाना प्रभारी ने क्यों इन तथ्यों को नजरअंदाज किया और दो महिलाओ मां और बेटी कि शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ BNS की धाराएँ 296, 115(2), 351(2), 3(5) के तहत मामला दर्ज किया है जो कि किसी भी नजरिये से न्यायोचित नहीं है

हालाँकि, पीड़िता और जानकारों का कहना है कि इस घटना में महिला की अस्मिता से जुड़ी गंभीर धारा BNS 64 (पूर्व IPC 354) भी जोड़नी चाहिए थी, क्योंकि मामला केवल मारपीट का नहीं बल्कि अशोभनीय हरकत का भी है।

पुलिस कि ऐसी कार्रवाई पर  संदेह पैदा करता है कि एक महिला के ऊपर अस्मिता को तार तार करने वाला आरोपी जिसकी हरकत वीडियो में देखा जा सकता हैऔर आरोपी अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है आखिर मामूली धाराएं क्यों ?

महिला के साथ बल आजमाइस करता आरोपी

जानकारों का दावा:

प्रीतम अंडवानी पहले भी विवादों में रहा है। सूत्रों के अनुसार, वह कई लोगों के वीसी निवेश (VC money) हड़प चुका है और जमीन कब्जाने में माहिर माना जाता है। बावजूद इसके, वह खुद को “समाजसेवी” और “समाज का नेता” बताता फिरता है।

समाज में इस घटना को लेकर काफी आक्रोश है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर एक महिला के साथ इस तरह की हरकत करने वाले व्यक्ति पर अभी तक कड़ी धाराएँ क्यों नहीं लगाई गईं?

पीड़िता सरिता पंजवानी ने प्रशासन से न्याय की मांग की है और कहा है कि जब तक सच्चे अर्थों में कार्रवाई नहीं होती, तब तक वह चुप नहीं बैठेंगी।उक्त सारी तथ्य सरिता पंजवानी से चर्चा के दौरान सामने आए है.ये सभी गंभीर आरोप सरिता पंजवानी ने प्रीतम एवं भाई और बेटे पर लगाई है जिसके आधार पर यह खबर लिखी गई है

थाना प्रभारी देवेश सिंह राठौर से इस पुरे विषय पर ऑन रिकॉर्ड चर्चा कि गई उन्होंने महिला के साथ हुए अभद्रता को इंटेंशन के दृष्टिकोण को समझ कर कार्यवाही करने कि बात कही साथ ही कहाँ कि अभी पूरी विवेचना बाकी है विवेचना में जो तथ्य सामने आएँगे उसके हिसाब से धाराएं जोड़ी जाएंगी. महिला सुरक्षा हमारा प्रथम जिम्मेदारी है उक्त मामला कोर्ट में विचाराधीन है दोनों पक्षो को दुकान में कोई नया काम नहीं करना चाहिए. यदि महिला के सीने पर हाथ रखकर गलत इंटेंशन से धक्का मुक्की किया है तो कार्यवाही अवश्य होगी.

दुकान मालिक महिला का सामान बाहर फेकते आरोपी

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