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पुरुषों के लिए वरदान है ‘धतूरा’, गंजापन दूर करने के साथ बढ़ाता है फिजिकल पावर, ऐसे करें इस्तेमाल

नई दिल्ली: भगवान भोलेनाथ (Lord Shiva) को खुश करने के लिए उन्हें धतूरा चढ़ाया जाता है. भोलेनाथ को धतूरा बहुत पसंद है. शरीर पर भस्म रमाने वाले बैरागी भोले बाबा को धतूरा चढ़ाने से दुखों से छुटकारा मिल जाता है. क्या आप जानते हैं कि शिवजी की ये प्रिय चीज सिर्फ भगवान शिव को खुश कर अपनी किस्मत चमकाने में नहीं हैं, बल्कि बामारियों में धतूरा का इस्तेमाल किया जाता है.

भगवान शिव कैलाश में रहते हैं और ये क्षेत्र अत्यंत ठंडा है जहां ऐसे आहार और औषधि की जरुरत होती है जो शरीर को ऊष्मा प्रदान करे. वैज्ञानिक दृष्टि से धतूरा सीमित मात्रा में लिया जाए तो औषधि का काम करता है और शरीर को अंदर से गर्म रखता है. देवी भागवत‍ पुराण में कहा गया है कि विषपान के बाद अश्विनी कुमारों ने भांग, धतूरा, बेल आदि से शिव जी की व्याकुलता दूर की थी. आयुर्वेद के मुताबिक धतूरे में मौजदू औषधिय गुण घाव में बचाने और शारीरिक क्षमता बढ़ाने में मदद करते हैं.

पुरुषों की शारीरिक क्षमता के लिए वरदान
पुरुषों के लिए धतूरे (Dhatura) का सेवन  करना किसी वरदान से कम नहीं है. इससे उनकी शारीरिक क्षमता (Physical Power) बढ़ती है. इसके सेवन के लिए लौंग और धूतरे के  बीज को  बराबर मात्रा में पीस लें. फिर इसके बाद इसमे शहद मिलाकर छोटी गोलियां बना लें. अब  रोजाना सुबह इसकी एक गोली खाएं, बदलाव आप खुद महसूस करेंगे.

जख्म या घाव को कर सकते हैं ठीक
अगर आपके शरीर पर कोई गहरा जख्म या घाव लग गया है तो आप धतूरे की मदद से उसे ठीक कर सकते हैं. इसे हम एंटिसेप्टिक दवाई की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं, जिससे कोई भी घाव जल्दी भर जाता है. हालांकि इस बात का भी ध्यान रखने की जरूरत है कि इसका इस्तेमाल ज्यादा गहरे जख्मों पर न किया जाए. क्योंकि इसका इस्तेमाल करने से हमारी त्वचा की ऊपरी स्किन पर ही किया जा सकता है.

गंजेपन को दूर करता है धतूरा
गंजेपन से परेशान लोग इसके रस को प्रभावित जगह पर लगा सकते हैं. इसके रस में ऐसे विशेष गुण होते हैं, जो सीबम को स्वस्थ करते हैं और गंजेपन की समस्या को रोक देते हैं. धतूरे के रस को तिल के तेल के साथ मिलाकर लगाने से भी मरीज को फायदा मिलता है.

दर्द और सूजन में फायदेमंद
धतूरे का प्रयोग जोड़ों के दर्द में भी किया जा सकता है. साथ ही पैरों में सूजन या भारीपन के लिए भी धतूरे का प्रयोग कर सकते हैं. इसके लिए धतूरे की पत्तियों को पीसकर लेप करना चाहिए. इससे आपको तत्काल आराम मिलेगा, क्योंकि गर्म तासीर का होने के कारण मांसपेशियों की प्राकृतिक सिकाई होती है और मांसपेशियां नरम पड़ जाती हैं. जिससे मरीज को तत्काल आराम मिलता है.

दमा की शिकायत करता है दूर
जिन लोगों को दमा की शिकायत है उनके लिए धतूरा फायदेमंद है. इसे इस्तेमाल करने के लिए धतूरे को अपामार्ग और जवासा नामक जड़ी  बूटी के साथ मिलाकर चूरन बना लें. अब रोजाना इसकी महक सूंघने से समस्या दूर हो जाएगी.

कान के दर्द में कारगर
कान में दर्द और सूजन की स्थिति में आप धतूरे का प्रयोग कर सकते हैं. धतूरे में एंटी-इन्फेल्मेट्री और एंटी-सेप्टिक गुण पाया जाता है. इस कारण से यह कान के दर्द की समस्या को ठीक कर देता है.

धतूरे का करें सीमित मात्रा में इस्तेमाल

डिस्क्लेमर- धतूरे की तासीर काफी गर्म होती है. अगर हम धतूरे का सेवन सीमित मात्रा में करें तो यह एक प्रकार की औषधि का काम करती है. लेकिन गलती से भी इसका अधिक सेवन कर लिया तो ये शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है.

आपको बता दें कि धतूरे में कुछ जहरीले तत्व पाए जाते हैं जो इंसान के शरीर के लिये बहुत हानिकारिक होते हैं. इसलिए इसका प्रयोग करने से बचना चाहिए. इसका इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.  धतूरे को खाने के लिए बिल्कुल भी इस्तेमाल नहीं करना है. यह जानलेवा भी हो सकता है.

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