
पेट्रोल डीजल और गैस के बढ़ते दामों को लेकर राहुल गांधी ने केंद्र की जमकर की खिंचाई, बीजेपी नेता संबित पात्रा ने किया पलटवार
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को रसोई गैस, पेट्रोल, डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर केंद्र पर निशाना साधा। राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि किसान, मजदूर, छोटे व्यवसाय, एमएसएमई, वेतनभोगी वर्ग का विमुद्रीकरण किया जा रहा है।
पीसी के दौरान राहुल गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार ने 23 लाख करोड़ रुपये जीडीपी यानी गैस, डीज़ल, पेट्रोल से कमाए हैं। ये 23 लाख करोड़ रुपये गए कहां?। नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री पैनिक में हैं उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि करना क्या है? हमारे प्रधानमंत्री डर गए हैं, इसे देखकर चीन भी अपनी योजना बना रहा है कि हिन्दुस्तान आर्थिक और नेतृत्व संकट में है तो हम जो निकाल सकते हैं वो निकाल लो।
जीडीपी का मतलब गैस डीजल पेट्रोल पीसी की शुरुआत में राहुल ने कहा कि पेट्रोल डीजल के दाम का देश की इकोनॉमी में कहीं न कहीं इनपुट होता है। जब पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ते हैं, एक तो डायरेक्ट चोट लगती है। एक इनडायरेक्ट चोट लगती है। डायरेक्ट चोट में गाड़ी में तेल डलवाने वाले की जेब पर असर होता है और जब ट्रांसपोर्टेशन में महंगाई होती है तो इसका इनडायरेक्ट असर महंगाई पर होता है, सभी चीजों के दाम बढ़ जाते हैं। पिछले 7 सालों में हमने एक नया आर्थिक पैराडायम देखा है। एक तरफ डिमोनेटाइजेशन और दूसरी तरफ मोनेटाइजेशन हो रहा है। दोनों में फर्क भी बताया और कहा कि किसानों, मजदूरों, छोटे दुकानदारों का डिमोनेटाइजेशन हो रहा है। लेकिन मोनेटाइजेशन किसका हो रहा है, 4-5 जो नरेंद्र मोदी जी के मित्र हैं। उन्हें आप 4-5 कह दीजिए या फिर हमारे दो या हम दो जो कहना है कह दीजिए।
मोदी जी और वित्त मंत्री जी कहते हैं कि जीडीपी बढ़ रही है। लेकिन जीडीपी का मतलब है गैस डीजल पेट्रोल का बढ़ना या दौड़ना। राहुल गांधी ने आगे कहा कि 2014 में जब यूपीए ने पद छोड़ा था। तब एक सिलेंडर की कीमत 410 रुपये थी और आज एक सिलेंडर की कीमत 885 रुपये है। सिलेंडर की कीमत में 116 फीसदी की वृद्धि हुई है। 2014 के बाद से पेट्रोल की कीमत में 42 फीसदी और डीजल में 55 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा का पलटवार जबकी दूसरी तरफ राहुल गांधी के बयान को लेकर प्रवक्ता संबित पात्रा ने पलटवार किया और कहा कि राहुल गांधी ने पीसी के दौरान उन मुद्दों पर बातचीत की जिनके बारे में उन्हें जानकारी नहीं थी। नोटबंदी को लेकर कहा कि नोटबंदी में सिर्प गांधी परिवार का ही सब कुछ गया। राहुल गांधी ने जीडीपी की परिभाषा को भ्रमित करने की अवहेलना कर इसे देश के सामने पेश किया। जहां तक कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी का सवाल है। सीएनपी के लोग यानी भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और नीतिगत पक्षाघात कभी भी जीडीपी का सही अर्थ नहीं समझ सकते हैं।