प्रधानमंत्री तक पहुंची छत्तीसगढ़ की चिट्ठी,आंगनबाड़ी कर्मियों का 50 लाख का बीमा क्यों नहीं…पढ़िए पूरी खबर

रायपुर। छत्तीसगढ़ जुझारू आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका कल्याण संघ की प्रदेश अध्यक्ष पद्मावती साहू ने सरकार से मांग की है, कि मजदूर दिवस के मौके पर आंगनबाड़ीकर्मियों को कोरोना वारियर्स का दर्जा दिया जाए, साथ ही शासकीयकरण करते हुए सभी को कोरोना काल में 50 लाख रुपए बीमा का लाभ दिया जाए। आपको बता दें, कि हाल ही में छत्तीसगढ़ जुझारू आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका कल्याण संघ की राजनांदगांव जिला की अध्यक्ष लता तिवारी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, राज्य की महिला एवं बाल विकास मंत्री, महिला आयोग, राष्ट्रीय महिला आयोग, केंद्रीय मुख्य सचिव, राज्य सरकार के मुख्य सचिव, समेत अनेक सम्बंधित पदाधिकारियों को E-Mail से पत्र भेजकर मांग की है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के नियमितीकरण, शासकीयकरण और पेंशन आदि कई बिंदुओं की मांग तो पहले से ही लंबित है, इसलिए कम से कम अभी 50 लाख के बीमा का लाभ त्वरित रूप से दिया जाए, क्योंकि आंगनबाड़ीकर्मी बेहद कठिन परिस्थितियों में कोरोना के खिलाफ ज़मीनी लड़ाई में सीधे कोरोना से सामना कर रही हैं।

छत्तीसगढ़ जुझारू आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका कल्याण संघ की प्रान्त प्रमुख पद्मावती साहू ने कहा है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका शासन के हर आदेश का का सहर्ष पालन करती हैं और पूरे समर्पित होकर कार्य करती हैं, फिर भी शासन की इतनी उदासीनता और असंवेदनशीलता अनुचित है। उन्होंने कहा है कि सरकार इस संबंध में मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मांगों पर गम्भीरता से ध्यान दें। कोरोना वारियर्स घोषित करते हुए बीमा का ऐलान 1 मई को मजदूर दिवस के मौके पर करें। देश के प्रधानमंत्री से लेकर राज्य और जिले के सभी सम्बन्धितों को विस्तार से पत्र लिखने वाली छत्तीसगढ़ जुझारू आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ, राजनांदगांव की जिला अध्यक्ष लता तिवारी का कहना है कि प्रदेश में बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका इससे संक्रमित हुई हैं, बहुतों के परिजन प्रभावित हए हैं, लेकिन इसके बाद भी आंगनबाड़ीकर्मियों में अपने चुनौतीपूर्ण कर्तव्यों के प्रति विमुखता नहीं आई। आंगनबाड़ीकर्मियों ने हर परिस्थिति में सरकार का साथ दिया है, और जनहित के कार्य भी किये हैं। ऐसे में 50 लाख रुपये बीमा की मांग एकदम जायज है, इसलिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों इस मांग पर त्वरित निर्णय लें और घोषणा करें। 

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