प्रमोशन में आरक्षण की मांग को लेकर रायपुर में हंगामा, 70 प्रदर्शनकारी गिरफ्तार, 10 भेजे गए जेल

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पदोन्नति में आरक्षण की मांग को लेकर जमकर हंगामा हुआ। सड़क पर बैठे 70 प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। कार्यपालिक दंडाधिकारी के आदेश पर 10 लोगों को जेल भेज दिया गया, जबकि बाकी को जमानत पर रिहा कर दिया। पुलिस ने इस मामले में दो एफआईआर दर्ज किए हैं। रायपुर में पहली बार ऐसा विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। प्रदर्शनकारियों को संभालने में पुलिस के पसीने छूट गए।

दरअसल अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के सामाजिक संगठन और कर्मचारी संगठनों के प्रदर्शनकारी रायपुर के बूढ़ा तालाब स्थित धरना स्थल पर प्रदर्शन कर रहे हैं। शुक्रवार को प्रदर्शनकारी रैली निकालने लगे। इस दौरान पुलिस ने उन्हें रोका। प्रदर्शनकारी दूसरे रास्ते से सदर बाजार सराफा लाइन की तरफ घुस गए। पूरी सड़क लोगों से भर गई। इतनी भीड़ से सड़क पूरी तरह जाम हो गया और व्यवसायी भी डर गए। दहशत में कारोबारियों ने अपनी दुकानें बंद कर दी। कई घंटों की मशक्कत के बाद प्रदर्शनकारियों को सड़क से खदेड़ा जा सका। आंदोलन की अगुवाई कर रहे 70 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर बस से केंद्रीय जेल रायपुर लाया गया। यहां भी प्रदर्शनकारी हंगामा करते रहे। कार्यपालकि दंडाधिकारी के आदेश पर 10 लोगों के जेल भेज दिया।

बड़े आदोलन की तैयारी में प्रदर्शनकारी
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि शिक्षा विभाग में 40 हजार पदों सहित विभिन्न विभागों में पदोन्नति की जा रही है, लेकिन आरक्षण के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। इसी वजह से अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के यह लोग विरोध प्रदर्शन करने सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकारी विभागों में पदोन्नति देने में आरक्षण के नियमों का ठीक तरह से पालन किया जाए। अगर सरकार ने उनकी मांगों पर अमल नहीं किया तो आने वाले दिनों में उग्र आंदोलन किया जाएगा। सामाजिक कार्यक्रमों में पार्टी के नेताओं के बहिष्कार की बातें भी कही जा रही है। इधर कानून तोड़ने वालों के खिलाफ पुलिस एक्शन की तैयारी में है। पुलिस वीडियो फुटेज व सीसीटीवी खंगाल रही है।

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