फोर्स के दबाव में बैकफुट पर नक्सली, हिंसा का रास्ता छोड़ सुकमा में 6 माओवादियों ने किया सरेंडर

छत्तीसगढ़ के अति संवेदनशील सुकमा जिले में पुना नर्कोम (नई सुबह-नई शुरुआत) अभियान के तहत सक्रिय 6 माओवादियों ने सीआरपीएफ डीआईजी व सुकमा एसपी के सामने सरेंडर कर दिया। आत्म समर्पण करने वाले नक्सली लंबे समय से माओवादी संगठन में सक्रिय थे और कई घटनाओं में शामिल रहे हैं। बड़ी संख्या में नक्सलियों के सरेंडर से माओवादी संगठन को फिर झटका लगा है।

सुकमा एसपी सुनील शर्मा ने बताया कि सरेंडर करने वाले माओवादी चिंतागुफा थाना क्षेत्र में सक्रिय थे। नक्सलियों ने पुलिस द्वारा चलाए जा रहे पुना नर्कोम अभियान के तहत हिंसा का रास्ता छोड़कर सरेंडर किया है। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में करटम कोसा (आरपीसी मिलिशिया सदस्य) सोड़ी लखमा (आरपीसी मिलिशिया सदस्य), कवासी देवा (मिलिशिया सदस्य) कवासी मंगा (डीएकेएमएस सदस्य), पदम सोमडू (डीएकेएमएस सदस्य) व माड़वी गंगा (मिलिशिया सदस्य) शामिल हैं। सभी माओवादियों ने डीआईजी कार्यालय सुकमा में डीआईजी योज्ञान सिंह, उप कमांडेंट श्वेता राणा, अमरजीत पंडित उप कमांडेंट सीआरपीएफ 131 बटालियन, उत्तम प्रताप डीएसपी के सामने सरेंडर किया है।

फोर्स के दबाव में बैकफुट पर नक्सली 
एसपी सुनील शर्मा ने बताया कि फोर्स के दबाव में नक्सली बैकफुट पर हैं। माओवादी या तो सरेंडर कर रहे हैं या फिर मुठभेड़ में मारे जा रहे हैं। नक्सली माडवी गंगा पर पोलमपल्ली थाने में विभिन्न धाराओं में अपराध दर्ज है। सरेंडर करने वाले नक्सली फोर्स को नुकसान पहुंचाने सहित कई घटनाओं में शामिल रहे हैं। उन्होंने बताया कि सरेंडर करने वाले माओवादियों को छत्तीसगढ़ के पुनर्वास नीति का लाभ दिया जाएगा। उन्होंने माओवादियों से हिंसा का रास्ता छोड़ मुख्यधारा में लौटने की अपील की है।

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