
बड़ी खबर – जिला अस्पताल में कोरोना जांच केंद्र के बाहर कतार में लगी प्रसूता दर्द से कराहती रही उसके बाद बाहर कतार में ही बच्चे को दिया जन्म…..

दिलीप कुमार वैष्णव @आपकी आवाज
कोरबा छत्तीसगढ़ – आईएसओ प्रमाणित जिला अस्पताल में दर्द से करहा रही एक गर्भवती को महतारी एक्सप्रेस से भर्ती के लिए लाया गया.नकटीखार निवासी 27 वर्षीय गनेशिया बाई मंझवार का दर्द से बेहाल थी उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराने ले गया जहाँ उसे पहले कोरोना जांच कराने को कहा गया.उसके साथ आये मितानिन और उसके परिजन तत्काल स्ट्रेचर में बैठा कर जिला अस्पताल के बाहर परिसर में कोरोना जांच केंद्र लेकर पहुचे और केंद्र के बाहर कतार में लग गए.समय सुबह के 9 बज रहे थे. कोरोना जांच केंद्र में जांच होना शुरू नही हुआ था. काफी समय बीत जाने के बाद भी जब जांच शुरू नही हुआ था. क्योंकि उसका नम्बर पीछे था. ऐसे में उसका दर्द से बुरा हाल था उसकी हालत खराब हो रही थी. जब दर्द बढ़ा तो चिल्ला उठी और उसने सुरक्षित बच्चे को जन्म दिया. इस दौरान कतार में खड़े सभी हैरान हो गए फिर जच्चा और बच्चा दोनो को तत्काल विल चेयर के सहारे जिला अस्पताल लाया गया और जांच शुरू हुई.
प्रसूता गनेशिया बाई के पति देवा नंद ने बताया की उसकी पत्नी के प्रसव के लिए जिला अस्पताल पहले लाया गया. उसके बाद कोरोना जांच कराने को कहा गया उसने कोरोना जांच केंद्र सुबह बन्द रहने के कारण उसे निजी अस्पताल भी लेकर गया. लेकिन कही कोरोना जांच नही हो पाया और दर्द से करहा रही पत्नी को लेकर वो दर दर की ठोकरे खाता रहा.आखिर में भगवान ने उसकी सुन ली और कोरोना जांच केंद्र के बाहर ही उसकी पत्नी ने स्वस्थ्य बच्चे को जन्म दिया।
देवानंद ने ये भी बताया की शादी के 4 साल बाद पहला बच्चा हुआ है. उसकी पत्नी और बच्चे कोरोना निगेटिव है. अस्पताल प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा की अगर इमरजेंसी स्थिति में प्रसूता का जांच जिला अस्पताल में ही हो जाता तो उसे इतना भटकना नही पड़ता।