
बहुमुखी प्रतिभा के धनी- गनपत चौहान(जो 30 नवंबर 2022 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं)
रायगढ़।। कुछ लोग होते हैं जो किसी पद या कुर्सी के कारण सम्मान पाते हैं लेकिन कुछ ऐसे लोग होते हैं जिनके कारण कुर्सी और पद का सम्मान बढ़ जाता है ऐसे लोगों को लार्जर देन लाइफ कहते हैं। ऐसे ही बहुमुखी प्रतिभा के धनी गनपत चौहान जी है। गनपत चौहान जी का पैतृक गांव रायगढ़ जिले का भूपदेवपूर गांव है इनके पिताजी भारतीय रेलवे में कर्मचारी थे।पिताजी भारतीय रेलवे में थे इस कारण से उनका स्थानांतरण कोरबा चांपा व रायगढ़ इत्यादि शहरों में होता रहा, इस कारण से गनपत चौहान जी की प्रारंभिक शिक्षा भूपदेवपुर, बाराद्वार, बिलासपुर महाविद्यालयीन शिक्षा सीएमडी कालेज बिलासपुर और तकनीकि शिक्षा कोरबा से संपन्न हुई, आईटीआई के प्रशिक्षण के बाद दो साल अप्रेंटिसशीप सेन्ट्रल वर्कशॉप एसईसीएल कोरबा से करने के पश्चात 28/10/1988 को दीपका परियोजना एसईसीएल कोरबा क्षेत्र में बहली हुई,1992 में स्वयं की इच्छा से स्थानांतरण करवाकर जून 1992 में एसईसीएल रायगढ़ क्षेत्र के बरौद कालरी में पदस्थ हुए,गनपत चौहान जी छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय रूप से उतर गए, वे सन 1982-83 मैं ITI कोरबा के छात्रसंघ अध्यक्ष रहे। उन्होंने मार्शल आर्ट कराते का प्रशिक्षण लिया और ब्लैक बेल्ट बने।
शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने एस.ई.सी.एल की कोरबा इकाई में अपनी टेक्नीशियन के रूप में सेवाएं प्रारंभ की। वर्तमान में वो बरोद कॉलरी विकासखंड घरघोड़ा जिला रायगढ़ में पदस्थ हैं जहां से चौहान जी 30 नवंबर 2022 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। एस. ई. सी. एल. के कर्मचारी के रूप में उन्होंने श्रमिक संगठन इंटक ज्वाइन किया उन्होंने उक्त संगठन में सक्रियता के साथ भाग लेकर संगठन के विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर अपनी भूमिकाएं सफलतापूर्वक निभाई है वर्तमान में वह एस.ई.सी.एल. के इंटक ट्रेड यूनियन के केंद्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष और क्षेत्रीय महासचिव है। इनकी रूचि पत्रकारिता और लेखन कार्य में है इस कारण वह 1992 से अद्यतन नवभारत अखबार से प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से लगातार जुड़े हुए हैं और सोशल फोरम आँन ह्यूमन राईट्स के प्रदेशाध्यक्ष भी है !
गनपत चौहान जी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी से भी जुड़े हुए हैं जब श्री अजीत जोगी रायगढ़ के सांसद थे तब श्री चौहान उनके सांसद प्रतिनिधि थे। गनपत चौहान जी छत्तीसगढ़ कांग्रेस सेवादल के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं। श्री गनपत चौहान छत्तीसगढ़ शासन श्रम मंडल के भी सम्माननीय सदस्य रहे हैं। वे एक सहज सरल मिलनसार संवेदनशील इंसान तो है ही उनके भीतर एक गायक कलाकार भी बसता है एक गायक कलाकार के रूप में उन्होंने दूर-दूर तक आर्केस्ट्रा पार्टी के माध्यम से अपने मधुर स्वर का जादू बिखेरा है। गनपत चौहान जी श्रमिक संगठन से जुड़ने के साथ ही साथ कई सामाजिक संगठनों तथा सिविल सोसाइटीज से भी जुड़े हुए हैं। वे मानव अधिकारों की सुरक्षा से संबंधित एक राष्ट्रीय संगठन कि छत्तीसगढ़ प्रदेश इकाई के अध्यक्ष है। गनपत चौहान जी रेलवे के दैनिक यात्रियों की सुविधाओं के ऊपर सतत नजर रखने वाले समिति के पदाधिकारी के रूप में जन सुविधाओं और रेलवे यात्री सुविधाओं के विस्तार के लिए प्रदेश में कई पदयात्राएं भी की है जिसके परिणाम स्वरूप कई ट्रेनों का आसपास के क्षेत्र में स्टॉपेज बढ़ा हैं तथा रेलवे यात्रियों की सुविधाएं और रिजर्वेशन का सीट कोटा बड़ा है। गनपत चौहान जी दक्षिण एशियाई देशों के श्रमिक संगठनों के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन काठमांडू नेपाल में भारत के विभिन्न श्रमिक संगठनों का प्रतिनिधित्व किया हैं। चौहान जी के व्यक्तित्व के और कई आयाम हैं जिनका उल्लेख किया जाना संभव नहीं है !
समाज के लिए अन्नजल त्याग कर आमरण अनशन
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इन्होंने अपने चौहान समाज के मान मर्यादा और प्रतिष्ठा के लिए 28अप्रैल 2000 से चार दिनों तक गांधी पुतला रायगढ़ में आमरण अनशन किया मध्यप्रदेश के तत्कालिन गृहमंत्री नंदकुमार पटेल स्वयं अनशन स्थल पर पहुंच कर न्याय दिलवाने के आश्वासन पर अनशन को तोड़ा और 24 घंटे के अंदर न्याय और सम्मान मिला जो इतिहास के पन्नों में दर्ज है!
ऐसे बहुमुखी प्रतिभा के धनी गनपत चौहान जी एस.ई.सी.एल. के धारित पद से 30 नवंबर 2022 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं और अपने जीवन की एक पारी समाप्त कर रहे हैं ऐसे अवसर पर हम उनके स्वस्थ व सुदीर्घ जीवन की कामना करते हैं और आशा करते हैं की समाज सेवा के क्षेत्र में उनका अब सारा किमती समय लगेगा और समाज सेवा में अपना और अधिक योगदान दे सकेंगे।