
बलौदाबाजार,
फागुलाल रात्रे, लवन।
फागुलाल रात्रे, लवन।
ग्राम पंचायत तिल्दा में वर्तमान सरपंच सुरेश्वर पैकरा की निष्क्रियता के चलते विकास कार्य लगभग ठप्प पड़ा हुआ है। पदभार संभालने के बाद विकास कार्य स्वीकृत कराने एवं पंचायत प्रस्ताव में विकास के एजेंडे में निर्णय लेने में पूरी तरह फैल साबित हो चुके हैं। ग्रामीणों ने ऐसे निष्क्रिय सरपंच को वोट देकर अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं। गौर करने वाली प्रमुख तथ्य यह भी है कि सरपंच के पास लोगों का इलाज करने के लिए कोई वैध डिग्री तक नहीं है, फिर भी लोगों के स्वास्थ्य का इलाज किये जाने की बात भी लगातार सामने आते रहा है। या यूं कहें वर्तमान सरपंच अपने कर्तव्य को किनारे कर लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने में ज्यादा पसीना बहाते हुए नजर आ रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि जिनके पास चिकित्सा विभाग की कोई वैध डिग्री नहीं है फिर गांव के भोले भाले लोगों के जान माल को जोखिम में डालने का सरंक्षण इसको किसने दिये हैं?जो जांच का विषय है। प्रशासन को ग़ुमराह कर विगत कई वर्षों से अपने गोरखधंधा में लिप्त ऐसे निष्क्रिय सरपंच एवं झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ प्रशासन को कार्रवाई की दरकार है।ग्रामीणों ने नाम नही छापने की शर्त पर बताया कि वर्तमान सरपंच सुरेश्वर पैकरा ही सर्दी खांसी एवं बुखार होने पर इलाज किये हैं।दरअसल ऐसे डॉक्टरों की लापरवाही से ही कोरोना संकट के समय में लोगों को अपनी जान माल से हाथ धोना पड़ा था। जांच की जाए तो झोलाछाप डॉक्टर की असली हकीकत सबके बीच आ ही जाएगा। अब सवाल यह भी उठता है कि ऐसे निष्क्रिय सरपंच के चलते गांव में अपराध का ग्राफ बढ़ा हुआ है। गांव के गायत्री मन्दिर चौक परिसर के आसपास गांजे का कारोबार फल फूल रहा है। सरपंच को जानकारी होने के बाद भी मौन साधे हुए हैं। विश्वस्त सूत्रों से यह बात भी पता चला है कि शासन के 14वे एवं 15 वे वित्त की राशि का बेहिसाब दुरुपयोग कर स्वयं उपयोग किये जाने की बात भी सामने आया है। सरकारी राशि का जमकर भरष्टाचार करने की बात सूचना के अधिकार अधिनियम के माध्यम से होने की बात सामने आया है। उक्त तमाम बिन्दुओ पर प्रशासन को जांच कर सरपंच के विरुद्ध में कार्रवाई की दरकार है।शासन द्वारा स्वीकृत राशि जनता के विकास कार्यों में लगने चाहिए कि बात बहुत से ग्रामीणों ने मीडिया को बताया है। इस सम्बंध में सरपंच सुरेश्वर पैकरा ने अपने ऊपर लगे आरोप से इनकार किये हैं। हालांकि यह बात भी कहा है कि जैसे सभी लोग बनवाए हैं अपने बचाव के लिए वैसे ही वह डॉक्टर डिग्री को किसी से बनवाने की बात को कुबूल किये हैं। साथ ही उनके द्वारा अभी तक विकास कार्य स्वीकृति करवाने में असमर्थता जताया है।