बिना वैक्सीन लगवाए ब्रज में न होंगे ‘ईष्ट’ के दर्शन, मथुरा-वृंदावन के साथ अन्य जिलों में भी शुरू हो गई पहल

कोरोना से जंग में शक्ति और भक्ति स्थल भी साथ दे रहे हैं। इन स्थलों भगवान के दर्शन तभी होंगे, जब वैक्सीन लगी होगी। ऐसी व्यवस्था ब्रज के कई मंदिरों में कर दी गई है। मथुरा, वृंदावन समेत दूसरे जनपदों में मंदिर प्रबंधनों ने ऐसी अपील की है। एटा के काली मंदिर में पंफलेट लगवा दिए गए हैं।

मथुरा के कई मंदिरों ने अपील की
मथुरा के वाटी वाली कुंज में विराजमान राधा कृष्ण के सेवायत सुधाकर आचार्य ने भक्तों से अनुरोध किया कि बिना वैक्सीन लगवाए मंदिर में न आएं। लाल दरवाजा स्थित गोपाल भारती मंदिर के सेवायत आचार्य कन्हैयालाल शर्मा ने भक्तों से अपील की है कि जो भक्त दर्शन करने आएं वे वैक्सीन लगवाकर ही मंदिर में प्रवेश करें। इसी तरह की अपील मंडी रामदास की पाठक गली में स्थित प्राचीन मंदिर केला देवी के सेवायत आशीष शर्मा ने भी की है।

एटा में मंदिर के द्वार पर पंफलेट चिपकाए
एटा के ठंडी सड़क पर सुप्रसिद्ध माता काली का भव्य मंदिर है। इसके दो गेट हैं। एक गेट सड़क किनारे और दूसरा गेट माता की प्रतिमा के बाहर लगा हुआ है। इन पर बडे-बडे़ पंफलेट चस्पा कर दिए गए हैं कि अगर वैक्सीन लगी होगी तो ही आप मंदिर में प्रवेश कर सकते हैं। इसकी पुष्टि के लिए मंदिर के पुजारी उम्र देखकर पूछते हैं कि वैक्सीन लगवाकर आए हो या नहीं। अगर ना में जवाब मिलता है तो उसे मना कर दिया जाता है। शक होने पर मोबाइल फोन के मैसेज दिखाने के लिए कहा जाता है। काली मंदिर के पुजारी संजीव दीक्षित ने बताया कि इससे एक तो कोरोना नियमों का पालन होता है दूसरे लोग वैक्सीन के लिए भी जाते हैं। उनका कहना है कि कुछ दिन पहले प्रशासन ने बैठक में इस तरह की अपील के लिए कहा भी था।

पिंडदान के लिए लानी होगी निगेटिव रिपोर्ट
अगर बाहरी जनपद से किसी परिजन या रिश्तेदार की अस्थियां विसर्जन करने या फिर गंगा स्नान के अलावा किसी अन्य कार्य से तीर्थ नगरी सोरों आने की तैयारी कर रहे हैं तो आरटीपीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट जरूरी होगी। वो भी 72 घंटे के अंदर की गई जांच वाली। ये आदेश जिला प्रशासन ने जारी किए हैं। इसके अलावा यहां 15 जुलाई तक धारा 144 लगा दी गई है।

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