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विश्व फार्मेसिस्ट दिवस के अवसर पर आईएसबीएम विश्वविद्यालय के फार्मेसी संकाय के तत्वाधान में एक दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के छायाचित्र में दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। फार्मेसी डे के अवसर पर मुख्य अतिथि के आसंदी पर अरुण मिश्रा, गेस्ट ऑफ ऑनर टोचन चंद्राकर,विशेष अतिथि के आसंदी पर विनोद चंद्राकर सहित विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ आनंद महलवार, कुलसचिव विश्वविद्यालय डॉ बी पी बोल ज्वाइंट रजिस्टार रानी झा मंचस्थ रहे। स्वागत भाषण के अपने उद्बोधन में आईएसबीएम विश्वविद्यालय की कुल सचिव डॉक्टर बीपी भूलने बताया कि फार्मासिस्ट की क्या रूल्स और रेगुलेशन है उसको पालन करना ही उसे फार्मासिस्ट की गुणवत्ता में सुधार लाता है।
आईएसबीएम आईएसबीएम विश्वविद्यालय के ज्वाइंट रजिस्टार डॉक्टर रानी झा ने बताया कि अंगदान महादान है बच्चों को समाज में अंगदान के लिए प्रेरित करना चाहिए ।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विनोद चंद्राकर ने यहां बताया कि छत्तीसगढ़ में शुरुआत में बहुत ही फार्मेसी और फार्मासिस्ट कॉलेज की उपलब्धता नहीं थी इसको पूर्ण करने भूमिका रहा।
तोषन चंद्राकर अध्यक्ष रॉयल कॉलेज आफ फार्मेसी ने बताया कि मध्य प्रदेश से अलग हुआ छत्तीसगढ़ में फार्मासिस्टों की स्थिति और मेडिकल स्टोर का अभाव था जिसे पूर्ण कर पाना बहुत ही चुनौती था और फार्मासिस्ट की भूमिका पर जोर दिया गया।
आईएसबीएम वि वि कुलपति और फार्मेसी काउंसिल के रिप्रेजेंटेटिव डॉक्टर आनंद महलवार जी ने बताया कि अमेरिका के फार्मासिस्ट और भारत के फार्मासिस्ट है में कैसे अंतर है अमेरिका के फार्मासिस्ट फार्मासिस्ट दवाइओ का का चयन स्वयं करते हैं जबकि भारत में डॉक्टर के द्वारा प्रिस्क्रिप्शन के माध्यम से किया जाता है। भारत में फार्मासिस्ट का ब्राइट फ्यूचर, दुनियाभर में डंका बज रहा है ।
मुख्य अतिथि श्री अरुण कुमार मिश्रा छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल के अध्यक्ष ने बताया कि छत्तीसगढ़ फार्मेसी काउंसिल में छात्रों को बहुत ही समस्याओं का सामना करना पड़ता था, लेकिन हमारे अध्यक्ष बनने से इस प्रक्रिया को बहुत ही सरल और लचीला किया जाएगा जिससे नए फार्मासिस्टों को पंजीयन करने में आसानी होगी और फार्मासिस्ट की गुणवत्ता में सुधार किया जाएगा।
अगली कड़ी में बी फार्मा के स्टूडेंट्स के द्वारा नुक्कड़ नाटक के माध्यम से माध्यम से फार्मासिस्ट की भूमिकाओं से अवगत कराया गया और फार्मासिस्ट के डोसेज फॉर्म क्यों बनाया जाता है एवं अंगदान महादान की क्या भूमिका है को समझाया गया। एवं छात्र-छात्राओं को उनकी मॉडल और पोस्टर प्रतियोगिता में भाग लेने वाले छात्र-छात्राओं को सर्टिफिकेट प्रदान किया गया ।
इस पूरे कार्यक्रम के दौरान प्रमुखतः से सीसीडीए गरियाबंद के सदस्य गण उपस्थित रहे। स्कूल ऑफ फार्मेसी के विभागाध्यक्ष युगल किशोर राजपूत, सहा.प्राध्या. राजेन्द्र कुमार साहू, सहा.प्राध्या. अश्वनी साहू, सहा. प्राध्या. ओमप्रकाश साहू ,सहा. प्राध्या. पूनम राजपूत सहा. प्राध्या. लुकेश्वरी, लैब इंचार्ज श्रवण कुमार सभी का विशेष सहयोग रहा। इस कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ विनय एम अग्रवाल, कुलपति डॉ. आनंद महलवार, कुलसचिव डॉ. बी पी भोल, छात्र कल्याण अधिष्ठाता डाँ. संदीप कुमार साहू, संकाय प्रमुख(डीन) डाँ. एन. के. स्वामी, सभी ने फार्मेसी विभाग को बधाई दिया गया एवं आगे भी इस तरह के कार्यक्रम के आयोजन के लिए प्रोत्साहित और सहयोग किया जाएगा।