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मच्छरों का बढ़ा प्रकोप, शाम ढलते ही शुरू हो जाता तांडव.फागिंग मशीन होने के बावजूद भी नहीं कराया जा रहा प्रयोग

कोतबा न्यूज़। नारायण साहू
ठंड के साथ नगर में मच्छरों का आतंक बढ़ गया है। इसने नगरवासियों का जीना दूभर कर दिया है। स्थिति इतनी बदतर है कि बंद कमरे में भी घड़ी देखकर 30 सेकेंड भी लोग शांति चित्त से नहीं बैठ पाते हैं। दिनभर तो अपेक्षाकृत इनका प्रकोप कम रहता है, लेकिन शाम ढलते ही इनका तांडव शुरू हो जाता है। यहां तक कि लोगों को रात में भोजन का एक निवाला लेने में भी समस्या होती है। मच्छरों के आतंक से बचने के लिये लोग अपने स्तर से अगरबत्ती एवं लिक्विड का उपयोग करते हैं। इसके बावजूद राहत नहीं मिल पाती है। अब तो मच्छर अगरबत्ती व स्प्रे भी इन पर बेअसर हो रहे हैं। नजर हटी और दुर्घटना घटी वाली कहावत चरितार्थ न हो जाये इसके लिये लोग भोजन के समय खासी सर्तकता बरतनी पड़ती है। आश्चर्य की बात यह है कि इतनी विकट स्थिति होने के बावजूद नगर पंचायत सोया पड़ा है। न तो नालों की सफाई करवा रहा है और न ही मच्छरों के बढ़ते प्रकोप को कम करने के लिये फागिंग ही कराया जा रहा है।
बरसात के बाद नगर के अधिकांश नालों की सफाई नहीं होने के कारण नाला जाम रहने से मच्छर के लार्वा पनपने से मच्छरों की संख्या में इजाफा हो गया है। वहीं नाला में मच्छर के लार्वा मारने को लेकर फागिंग मशीन उपलब्ध होने के बावजूद वार्डों में छिड़काव नहीं किया किए जाने से लोग मच्छर का दंश झेलने के लिये मजबूर हैं।

खुले नाली में जाम पानी से पनप रहे मच्छर
नालियों की साफ-सफाई न होने से पानी निकासी नहीं हो रही है। इससे नाली का पानी जाम होने से गंदगी और बीमारियां पनप रहे है। नपं भी स्वच्छता पर ध्यान देने की बात तो कह रही है लेकिन स्वच्छता पर ध्यान ही नहीं है।
नगर के मुख्य मार्ग पर स्थित नालियां साफ-सफाई के अभाव में कूड़ा-कचरा से पट गई हैं। नाली के जाम होने से गंदे पानी के काफी समय से एकत्र रहने से दुर्गंध उठ रही है। इससे लोगों को संक्रामक बीमारियों का भय सता रहा है। बारिश होने पर स्थिति और भी नारकीय हो जाती है। इस संबंध में नगरवासियों ने बताया कि बार-बार संबंधित अधिकारियों को समस्या से अवगत कराने के बाद भी समाधान नहीं कराया जा रहा है।

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