महंगाई की मार! यहां सातवें आसमान पर पहुंच गई दाल-चावल की कीमतें, आलू-प्याज 220, रेट लिस्ट देखकर आपके भी छूट जाएंगे पसीने

 नई दिल्ली। आर्थिक तंगी और संकट से जूझ रहे श्रीलंका में हालात बद से बद्तर होते जा रहे हैं। हाल ही में श्रीलंका के राष्ट्रपति राजपक्षे गोटबाया में अपने पद से इस्तीफा दिया है। इतना ही नहीं गोटबाया देश छोड़कर भी भाग गए हैं। श्रीलंका के राजनीतिक संकट की सबसे बड़ी वजह वहां की सरकार की आर्थिक नीतियां हैं। सरकार के गलत आर्थिक निर्णयों का असर ये हुआ कि देश में खाने-पीने और राशन की सामान्य वस्तुऐं अंधाधुंध महंगाई की चपेट में आ गई।

हालात इतने बिगड़ गए हैं कि लोगों के लिए खाना-पीना भी मुश्किल हो गया है। इसके चलते ही सरकार के प्रति विरोध का बढ़ता गया और अब वहां अस्थिरता का माहौल है। यहां अनाज के दाम सातवें आसमान पर पहुंच गए हैं। खाने-पीने की चीजें इतनी महंगी हो गई है कि आम जनता के खरीदने के बाहर है। राशन की तंगी से श्रीलंका की दो करोड़ जनता सड़कों पर आ गई है। चावल का एक्सपोर्ट करने वाला श्रीलंका अभी इसे आयात कर रहा है और इसकी कीमत 450 रुपये से लेकर 700 रुपये के बीच है।

170 रुपये का एक पाव लहसुन

अनाज के साथ-साथ यहां सब्जियों के दाम भी बहुत ज्यादा बढ़े है। आलू-प्याज जैसी सामान्य इस्तेमाल की सब्जी की कीमत 220 रुपये किलो हो चुकी है, जबकि लहसुन 170 रुपये में सिर्फ 250 ग्राम ही मिल रहा है। इतना ही नहीं नारियल और नारियल तेल के सबसे बड़े उत्पादक देशों में से एक श्रीलंका में इन दिनों नारियल की कीमत 85 से 100 रुपये प्रति नग पर पहुंच गई है। जबकि नारियल तेल 600 रुपये से 1000 रुपये प्रति लीटर के बीच मिल रहा है।

चावल-गेंहू के साथी श्रीलंका में अनाज की कीमतों में तो मानो आग लगी हुई है। यहां राजमा 925 रुपये प्रति किलो तक, पॉपकॉर्न 760 रुपये प्रति किलो तक और मसूर की दाल 500 से लेकर 600 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है। वहीं काबुली चना भी महंगा हो गया है। इसका भाव 800 रुपये प्रति किलो तक हो गया है। जबकि वहीं हरा मटर 355 रुपये, हरा मूंग 850 रुपये, लाल राजमा 700 रुपये और काला चना 630 रुपये प्रति किलो तक मिल रहा है।

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