महाकाल की नगरी में बसता है सांप्रदायिक सौहार्द्र, हिंदू भक्तों की सेवा करते हैं मुस्लिम भाई

उज्जैन. कर्नाटक (Karnataka) राज्य में शुरू हुए नए विवाद में मंदिरों के बाहर गैर हिंदुओं से दुकानें न लगाने के लिए कहा गया है. इसके उलट हिंदू आस्था का बड़ा केंद्र महाकाल मंदिर धार्मिक सौहार्द्र का भी प्रतीक है. यहां सदियों से हिन्दू मुस्लिम एक साथ व्यवसाय कर रहे हैं. मंदिर के बाहर 500 मीटर क्षेत्र मुस्लिम बाहुल्य है और यहां बने 40% होटल, रेस्ट्रो से लेकर बाबा महाकाल की तस्वीर फूल, प्रसादी की दुकानें मुस्लिम भाइयों की हैं.

मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार के बाहर 26 वर्षो से बाबा की तस्वीर बेच रहे शाकिर हुसैन बताते है कि उन्हें कोई परेशानी नहीं है. ना किसी ने उन्हें कभी व्यवसाय करने से रोका. वे हिन्दू भाइयों को बाबा महाकाल की तस्वीर बेचते हैं. होटल व्यवसाइयों ने कहा उनके यहां हिन्दू भाई सालों से आ रहे हैं. रात रुकते हैं. दर्शन करने जाते हैं और जब भी आते हैं यही रुकते हैं. परिवार की तरह हम सब एक हैं. हम एक दूसरे के लिए आधी रात को भी खड़े रहते हैं. लॉकडाउन में भी हम साथ रहे.

उज्जैन की आत्मा में सांप्रदायिक सौहार्द्र
बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन की आत्मा में सांप्रदायिक सौहार्द्र बसता है. भाईचारे और अपनेपन की भावना यहां के लोगों के जीवन में बसी हुई है. आस पास की 40%  होटलों के मालिक मुसलमान समाज से हैं. लेकिन उनका सेवाभाव, बाबा महाकाल के प्रति भक्ति और बाबा के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के प्रति जग जाहिर है. अधिकतर होटल के नाम भगवान शिव के नाम पर ही हैं. होटल के काउंटर पर बाबा महाकाल के फोटो और श्रद्धा से उनके सामने झुकते सिर इबादत की एक नई कहानी कहते हैं.

सबका मालिक एक
यहां के मुस्लिम व्यवसायी कहते हैं यहां पर हमारी लॉज है और जिसमें हमारे हिंदू भाई ठहरने के लिए आते हैं. बड़े प्रसन्न और खुश होकर जाते हैं और दूसरे हिंदू भाइयों को भी हमारे यहां का पता बताते हैं. उज्जैन के हिंदू भाई बड़ा सहयोग करते हैं. हमें समय-समय पर बताते रहते हैं कि ऐसा नहीं ऐसा करें. हिंदू मुस्लिम सब एक बराबर है सबका मालिक एक है.

मुस्लिम भाई का शंकरा पैलेस
महाकाल मंदिर से महज 400 मीटर की दूरी पर भगवान शंकर के नाम पर होटल है शंकरा पैलेस. होटल के मालिक अब्दुल रऊफ हैं. वो कई साल से होटल चला रहे हैं. उनका कहना है हिन्दू भाई बरसों से होटल में ठहरते आ रहे हैं. बाबा के दर्शन के लिए कोई समस्या आती है तो हम सही दिशा दिखा देते हैं क्योंकि यहां की व्यवस्था के बारे में किसी को जानकारी नहीं होती. समाज में हम सब मिलकर जुलकर काम कर रहे हैं. होटल संजर पैलेस के मालिक मोहम्मद याकूब कहते हैं वर्षो से चल रही होटल में ग्राहक बंधे हुए हैं. कई हिन्दू भाई अब परिवार की तरह हो गए हैं जो यहीं ठहरते हैं. कोई भेद भाव नहीं.

हम सब एक-हमारा भारत एक
महाकालेश्वर मंदिर के आसपास मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र है. ये व्यवसायी कहते हैं. यहां माहौल बहुत अच्छा है. यदि यहां पर रात को कोई यात्री आता है तो हम उसे यात्री नहीं मानते हैं. अपने परिवार का हिस्सा मानते हैं. उनकी बहन बेटी यदि अकेली आती हैं तो हम लोग उन्हें सही सलामत उन्हें उनके होटल तक पहुंचा देते हैं. 90 परसेंट हिंदू भाई हमारी होटलों में ठहरने आते हैं और हमें बड़ी खुशी होती है. कोरोना मैं सब व्यवसाय बंद था तब हमारे घर से यात्रियों के लिए फलाहारी और भोजन की व्यवस्था की गई. सब बड़े खुश होकर जाते हैं. हम हिंदू मुस्लिम एक हैं. हमारा भारत एक है.

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