मादा और शावक हाथियों ने पटककर मासूम सहित तीन कि कर दि हत्या, क्या है पूरा घटना क्रम

रायगढ़ जिले में हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया है एक रात में तीन लोगों को मौत के घाट उतार दिया है।

धरमजयगढ़ वन मंडल के लैलूंगा वन परिक्षेत्र के ग्राम गोसाईडीह में 3 साल की बच्ची को पटक कर मारा वही ग्राम मोहनपुर में महिला को खेत में पटका कर मारा तो घर में सो रहे पुरूष के ऊपर गिरा जिससे पुरुष कि मौके पर मौत हो गई है।

ग्रामीणों से प्राप्त जानकारी घटना रात के 10 से 12 बजे के आसपास हांथी ने ग्रामीणों के घरों को पहले तोड़ा जिसके बाद लोग घरों में सो रहे थे उसी समय हाथी ने ग्रामीणों को शिकार बनाया।

गोसाईडिह में बच्चे कि मौत मामले में परिजनों के बताये अनुसार परिवार के सभी 7 सदस्य घर के अलग अलग कमरे में सोये हुए थे। सत्यम रावत अपने पिता हीरालाल के साथ एक कमरे में सोया हुआ था। रात में लगभग एक बजे मादा हांथी अपने शावक के साथ आंगन में लगे केला पेड़ के डंगाल को तोड़ रहा था। कुछ बजने कि आवाज आने से हीरालाल उठकर जैसे ही टार्च कि लाइट हांथी कि तरफ मारी और हांथी ने हीरालाल पर हमला कर दिया। शावक हांथी के हमले से हीरालाल बगल के दूसरे कमरे में सोये दूसरे बच्चे के साथ पत्नी के रूम में और फेका गया। फेकाने के बाद हीरालाल ने कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर दिया। वही बाहर के पिता के साथ सोया बच्चा सत्यम उठकर रोने लगा। रोने कि आवाज सुनकर शावक हांथी ने बच्चे को सुंढ से लपेट कर बाहर निकाल लिया और पटक दिया। मादा हांथी और शावक दोनों ने मिलकर सत्यम को पटकते रहे। जिससे सत्यम के शरीर के चेहरे के साथ हाँथ कि हड्डिया और पसली चकना चूर हो गया। जिससे सत्यम कि मौके पर मौत हो गई।

घटना में तीन लोगों कि मौत हुई है जिसमे मृतक का नाम मोहनपुर – 1 / संतरा बाई राठिया पति मधु सुदन राठिया उम्र 45 2 / पुरसोत्तम प्रधान पिता भुखन साय उम्र 48 गोसाईडिह -1 / सत्यम रावत पिता उम्रहीरालाल रावत उम्र 3 वर्ष है।

मादा और शावक हांथी के द्वारा तीन ग्रामीणों को मौत के घाट उतारने से जिससे गांव सहित आसपास के गांव में दहशत का माहौल बन हुआ है।

धरमजयगढ़ के डीएफओ जितेंद्र उपाध्याय ने की घटना की पुष्टि किया। वन विभाग घटना कि जाँच में जुटी गई है। साथ ही ग्रामीणों को सतर्क रहने कि अपील कर रहे है

जगलों की हो रही बेरहमी से कटाई भी एक वजह : कभी जंगलों को बचाने की बातें करने वाली सरकारें और वन विभाग आज उद्योगपतियों के सामने बौने साबित हो रहे हैं। जंगल बचाने के नाम पर करोड़ों फूंक दिए जाते हैं, लेकिन ज़मीनी सच्चाई यही है कि रायगढ़ जैसे जिलों में हजारों पेड़ उद्योगों के विस्तार के नाम पर बेरहमी से काट दिए गए। कंपनी द्वारा हाल ही में मुंडा गांव में सैकड़ों-हजारों पेड़ों की बलि ली गई, और अब उसी उजड़े जंगल की कोख से निकले वन्य जीव इंसानी बस्तियों में कहर बनकर टूट रहे हैं।

जंगल उजड़ा, हाथी भटके और बेगुनाह बन गए निशाना….
धरमजयगढ़ वनमंडल के लैलूंगा परिक्षेत्र अंतर्गत बीती रात की दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे प्रशासन और सरकार की कथनी-करनी की पोल खोल दी। मादा हाथी और उसका शावक गांवों में घुसे और तबाही मचाई। ग्राम गोसाईडीह में तीन साल के मासूम सत्यम रावत को घर में सोते समय उसकी आंखों के सामने मौत आई। हाथी ने पहले उसके पिता पर हमला किया, फिर सुंघते हुए रो रहे बच्चे को सूंड से बाहर खींचकर पटक दिया यह दृश्य सिर्फ भयावह नहीं, इंसानी असफलता की सबसे बड़ी तस्वीर है।

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