
अनोखी परंपरा : तो वर्जिनिटी पर जश्न मनाता है परिवार
परंपरा। कई देशों में शादी के पहले सेक्स करना अपवित्र माना जाता है, वहीं, कुछ देशों में शादी से पहले शारीरिक संबंध को अपराध माना जाता है, दक्षिण अफ्रीका की जुलू जनजाति में कई दशकों से चली आ रही ‘उमेमुलो’ नाम की एक अनोखी परंपरा है। जिसके अनुसार, अगर लड़कियां 21 साल की उम्र तक वर्जिन रहती हैं तो इसे लेकर एक खास अंदाज में जश्न मनाया जाता है। लड़की के सम्मान में जानवर की बलि चढ़ाई जाती है और उसे पूरा परिवार काफी पैसे और उपहार देता है।
जुलू कल्चर से ताल्लुक रखते वाली थेंबेला नाम की एक महिला हैं, थेंबेला वाइस इंडिया के लिए लिखे अपने आर्टिकल में इस बारे में बताती हैं कि उन्होंने बताया कि एक महिला के तौर पर आपको इस परंपरा का पालन करना ही पड़ता है, अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो मान लिया जाता है कि आप वर्जिन नहीं हैं और आप किसी शख्स के साथ शारीरिक संबंध बना चुकी हैं, थेंबेला ने कहा कि जुलू कल्चर में शादी से पहले सेक्स को अपवित्र माना जाता है, हालांकि मैं नहीं मानती कि सेक्स के चलते किसी महिला को कमतर आंका जा सकता है। ये चीजें महिला और पुरुष दोनों के लिए एक जैसी होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि मुझे हैरानी इस बात की थी कि हमारे समाज में पुरुषों के लिए ऐसा कोई मापदंड नहीं है, हालांकि घर में सबसे बड़ी बेटी होने के चलते मुझे इस परंपरा को निभाना ही था, मेरे 21 साल होने के छह महीने पहले से ही मेरे घरवालों ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी थी, मेरी मां ने मुझसे पूछा था कि मुझे किस रंग के डेकोरेशन्स चाहिए, इसके अलावा वे मुझसे कुछ सवाल पूछकर कंफर्म कर लेना चाहती थीं कि वाकई मैं वर्जिन हूं या नहीं, इसके कुछ महीनों बाद मेरी बारी थी।
सेरेमनी के दौरान पारंपरिक वेशभूषा के अनुसार मुझे टॉपलेस होना था और गाय की फैटी टिशू को अपनी बॉडी पर पहनना था, बड़े-बुजुर्गों का मानना है कि अगर ये टिशू सेरेमनी के दौरान फट जाता है तो इसका मतलब है कि लड़की अपने वर्जिन होने को लेकर झूठ बोल रही है, हालांकि मैं लकी थी कि मेरे केस में ऐसा कुछ नहीं हुआ। हालांकि, मैं ये भी कहना चाहती हूं कि मेरे कल्चर में सिर्फ महिलाओं पर ही इतना दबाव क्यों डाला जाता है। ऐसी कोई भी परंपरा किसी भी पुरुष के लिए नहीं होती है, अगर महिलाओं को शादी से पहले तक वर्जिन रहना अनिवार्य है तो क्या यही चीज पुरूषों के लिए भी लागू नहीं होनी चाहिए?