मुआवजे की मांग को लेकर भटकते नजर आए मृतक के परिजन वाहन मालिक की अपनी दलील

रायगढ़ : मिली जनकारी के अनुसार पूरा मामला छाल थाना क्षेत्र में बीती रात एक ट्रेलर पेड़ से जा भिड़ी जिसके बाद ड्राइवर की मौत मौके पर ही हो गई,बताया जा रहा है की माँ बजारी ट्रांसपोर्ट की गाड़ी है मुंशी के द्रारा परिजनों को बताया गया की आपके गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया है और उसे अस्पताल ले जाया जा रहा है जिसकी खबर परिजनों को मिलते हैं के परिजन घटनास्थल पर पहुंचे शव गाड़ी में ही थी गाड़ी में से 100 को खुद निकाला गया जिसके बाद छाल पुलिस के द्वारा उन्हें कहा गया कि शव को थाना ले चलो जिसके बाद पुलिस से कहे अनुसार उन्हेंने सव को थाना में ले जहां उन्हें एंबुलेंस और स्वास्थ्य कर्मी दिए जाने का आश्वासन दिया गया था, परिजनों ने सव को ले कर जब थाना पहुंचे तब वहां ना तो कोई एंबुलेंस मिला और ना ही कोई स्वास्थ्य कर्मी जिसके बाद पता साजिश करने से थाने के अधिकारियों द्वारा उन्हें जल्दी ही किसी मुर्दाघर के डीप फ्रीजर में सव को रखने को कहा गया, जिस पर परिजनों ने एंबुलेंस की मांग की,पर उन्हें एंबुलेंस नहीं दिया गया ,जिसके बाद मालवाहक निजी गाड़ी में सव को रायगढ़ जिला अस्पताल लाया गया, रायगढ़ जिला अस्पताल पहुंचने के बाद भी परिजनों की मुसीबतें कम नहीं हुई, क्योंकि जिला अस्पताल के मरचुरी रूम में फ्रीजर काम नहीं कर रहा था, बहुत देर तक मशक्कत के बाद वाहन मालिक ने एक डीप फ्रीजर कहीं से मंगवा कर सव को रखा गया ,इस खराब व्यवस्था के विरुद्ध और संतोषजनक मुआवजे की मांग को लेकर परिजनों ने काफी लंबे समय तक जिला चिकित्सालय में प्रदर्शन किया, जिस पर ट्रेलर मालिक का कहना है कि वह ₹30000 नगद और ₹20000 सव को झारखंड ले जाने के लिए दे सकता है, उसके 1 से 2 महीने का अंदर इंश्योरेंस का पैसा भी मिल जाएगा जिस पर परिजनों कहना है कि मृतक के ऊपर उसके परिवार के सदस्यों की जिम्मेदारी है जिस वजह से उन्हें ज्यादा मुआवजा की राशि चाहिए और सड़क में हुए हादसे की वजह से प्रशासन से दी जाने वाली मदद की भी वह मांग कर रहे है,मृतक रामसेवक यादव का परिवार इस खराब व्यवस्था और मुआवजे के असंतुष्ट काफी निराश आ रहा था ,इस हादसे पर जब ट्रेलर मालिक के सफाई ली गई तो उनका कहना है कि गाड़ी ड्राइवर पहले से ही गाड़ी चलाने के लिए अनफिट था फिर भी उसने जिद कर के गाड़ी चलाई जिससे हादसे की वजह हार्ट अटैक भी हो सकता है ,फिलहाल सारे बातों का खुलासा जांच के बाद और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद आने से ही हो पाएगा तब तक परिजन को मुआवजे और इंश्योरेंस पैसे के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ेगी।

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