
मुक्का पड़ा भारी: एक साल सिद्धू जेल में क्या करेंगे? रोजाना 90 रुपये तक कमा सकेंगे, कभी लाखों में थी कमाई
एक दिन में लाखों रुपये की कमाई करने वाले पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू पटियाला जेल में रोजाना मात्र 30 रुपये से 90 रुपये तक ही कमा सकेंगे। यही नहीं जेल में शुरुआत के तीन महीने उन्हें बिना वेतन के ही बिताना पड़ेगा। इसका मतलब साफ है कि तीन माह सिद्धू को जेल में काम तो करना पड़ेगा लेकिन बदले में उन्हें भुगतान नहीं किया जाएगा। दरअसल, जेल नियमों के मुताबिक कठोर कारावास की सजा पाने वाले सिद्धू को अकुशल मानते हुए शुरुआत के तीन माह का काम करना प्रशिक्षण के तौर पर माना जाएगा।
वहीं जेल में सिद्धू के लाइफ स्टाइल में भी बदलाव आ जाएगा। अपनी रंगीन ड्रेसिंग स्टाइल के लिए खास तौर से हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में चर्चा में रहे सिद्धू को जेल में सफेद कपड़े ही पहनने पड़ेंगे। जेल नियमों के मुताबिक सजायाफ्ता कैदियों को सफेद कपड़े पहनने होते हैं। वहीं सूत्रों के मुताबिक सिद्धू को पढ़े-लिखे होने के कारण जेल की फैक्टरी में काम दिया जा सकता है, जहां बिस्कुट व फर्नीचर का सामान बनता है। उन्हें जेल की लाइब्रेरी या ऑफिस में भी कोई काम मिल सकता है। तीन माह बिना वेतन के काम करने के बाद सिद्धू को पहले अर्धकुशल कैदी माना जाएगा और इस दौरान उन्हें काम के बदले 30 रुपये का भुगतान होगा। इसके बाद कुशल कैदी बनने पर रोजाना 90 रुपये कमा सकेंगे।
सिद्धू का जेल में यह हो सकता है रुटीन
सिद्धू का दिन जेल में सुबह साढ़े पांच बजे शुरू होगा। इसके बाद सात बजे चाय के साथ खाने के लिए उन्हें बिस्कुट या काले चने मिल सकते हैं। सुबह साढ़े 8 बजे उन्हें नाश्ते में चपाती, दाल, सब्जी मिलेगी। फिर जेल के बाकी कैदियों की तरह उन्हें भी काम के लिए ले जाया जाएगा। शाम साढ़े पांच बजे उनकी छुट्टी होगी। शाम साढ़े छह बजे रात का खाना दिया जाएगा और फिर सवा सात बजे के करीब अन्य कैदियों की तरह उन्हें भी बैरक में बंद कर दिया जाएगा।
सिद्धू का दिन जेल में सुबह साढ़े पांच बजे शुरू होगा। इसके बाद सात बजे चाय के साथ खाने के लिए उन्हें बिस्कुट या काले चने मिल सकते हैं। सुबह साढ़े 8 बजे उन्हें नाश्ते में चपाती, दाल, सब्जी मिलेगी। फिर जेल के बाकी कैदियों की तरह उन्हें भी काम के लिए ले जाया जाएगा। शाम साढ़े पांच बजे उनकी छुट्टी होगी। शाम साढ़े छह बजे रात का खाना दिया जाएगा और फिर सवा सात बजे के करीब अन्य कैदियों की तरह उन्हें भी बैरक में बंद कर दिया जाएगा।
अच्छा आचरण रहा तो चार माह बाद मिल सकती है पैरोल
जानकारी के मुताबिक नियमों के मुताबिक सिद्धू को फिलहाल चार माह तो जेल में ही काटने पड़ेंगे लेकिन इस दौरान अगर उनका आचरण ठीक रहा तो जेल अधीक्षक उनके पैरोल के लिए सिफारिश कर सकते हैं। उन्हें 28 दिनों तक की पैरोल दी जा सकती है।
जानकारी के मुताबिक नियमों के मुताबिक सिद्धू को फिलहाल चार माह तो जेल में ही काटने पड़ेंगे लेकिन इस दौरान अगर उनका आचरण ठीक रहा तो जेल अधीक्षक उनके पैरोल के लिए सिफारिश कर सकते हैं। उन्हें 28 दिनों तक की पैरोल दी जा सकती है।
क्या था मामला
27 दिसंबर 1988 की शाम सिद्धू अपने दोस्त रुपिंदर सिंह संधू के साथ पटियाला के शेरवाले गेट की मार्केट में पहुंचे थे। मार्केट में पार्किंग को लेकर उनकी 65 साल के बुजुर्ग गुरनाम सिंह से कहासुनी हो गई। बात हाथापाई तक जा पहुंची। इस दौरान सिद्धू ने गुरनाम सिंह को मुक्का मार दिया। पीड़ित को अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई।
27 दिसंबर 1988 की शाम सिद्धू अपने दोस्त रुपिंदर सिंह संधू के साथ पटियाला के शेरवाले गेट की मार्केट में पहुंचे थे। मार्केट में पार्किंग को लेकर उनकी 65 साल के बुजुर्ग गुरनाम सिंह से कहासुनी हो गई। बात हाथापाई तक जा पहुंची। इस दौरान सिद्धू ने गुरनाम सिंह को मुक्का मार दिया। पीड़ित को अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई।