*• पूर्व में भी युक्तियुक्तकरण के नाम पर 3000 से भी अधिक स्कूलों को किया गया था बंद*
नंदेली: खरसिया विधायक उमेश पटेल ने कहा है कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी पत्र में शालाओं एवं शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण के संबंध में जारी आदेश के अनुसार भाजपा सरकार की मंशा स्पष्ट नहीं है। सरकार की मंशा युक्तियुक्तकरण की आड़ में शासकीय स्कूलों को बंद करना तथा नया भर्ती नहीं करना प्रतित होता है। जारी आदेश के अनुसार राज्य के लगभग 4000 से अधिक स्कूलों को बंद कर अध्यापनरत शिक्षकों को अन्य शालाओं में भेजने के निर्देश दिये गये हैं, किन्तु ऐसा प्रतित होता है कि इस युक्तियुक्तकरण नियम के अनुसार से स्कूलों के सेटअप में भी परिवर्तन किया जा रहा है। जिससे सभी स्कूलों के शिक्षक के रिक्त पद समाप्त हो रहें हैं, ऐसी स्थिति में प्रशिक्षित बी.एड़. व डी.एड़. तथा शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यार्थियों के लिए आगामी 10 से 15 वर्षों तक में नई भर्ती के द्वार पूर्णतः समाप्त हो जाएगा। चूंकि विद्यालय बंद होगा, शिक्षक को युक्तियुक्तकरण कर दिया जायेगा तथा सेटअप को बदल दिया जायेगा तो नया भर्ती कहां से होगा। युक्तियुक्तकरण के नये सेटअप के अनुसार प्रदेश के स्कूलों में शिक्षाव्यवस्था पर विपरित असर दिखेगा तथा प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार के अवसर नहीं मिल पायेगा। वर्तमान में जारी युक्तियुक्तकरण संदर्भित निर्देश, शिक्षा की गुणवत्ता, छात्रहित पालकों के हित के प्रतिकूल है। प्रदेश में संचालित कई स्कूलों में बालवाडी एवं प्राथमिक शाला सहित कुल 06 कक्षा संचालित होती हैं जिसको 02 शिक्षकों के भरोसे कैसे संचालित होगा। शिक्षक के पदों की संख्या कम होगी तो नई भर्ती कहां से होगा? विसंगतीपूर्ण युक्तियुक्तकरण से शिक्षक सेटअप को समाप्त करने का प्रयास है। शिक्षक एवं विद्यार्थी अनुपात में कटौती किया जा रहा है जिससे सरकारी विद्यालय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा संभव नहीं है। सरकार द्वारा कार्यरत शिक्षकों को अतिषेश माना जा रहा है जिससे प्रतित होता है कि सरकार नई भर्ती नहीं करना चाहती। जिससे शिक्षित और प्रशिक्षित बेरोजगार जो शिक्षक बनना चाहते हैं उनका शिक्षक बनने का सपना केवल सपना रह जायेगा। यह युक्तियुक्तकरण गरीब बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से बंचित रखनें की साजिश प्रतित होता है तथा बेरोजगारों के साथ कुठाराघात प्रतित होता है।
• पूर्व में भी किया गया था विसंगतीपूर्ण युक्तियुक्तकरण
पूर्व में भाजपा सरकार द्वारा वर्ष 2015-16 में भी युक्तियुक्तकरण की कैंची चलाकर राज्य सरकार ने प्रदेश के लगभग 3000 स्कूलों को युक्तियुक्तकरण के तहत बंद कर दिया गया था। इन स्कूलों में पढ़ने वाले लगभग 15000 से अधिक बच्चे और हजारों शिक्षकों को इधर-उधर शिफ्ट किया गया था। जिसको बाद में उक्त बंद हुए स्कूलों को चालू कराने के लिए बहुत प्रयास किया गया पर पुनः प्रारंभ नहीं हुआ। पूर्व में भी भाजपा सरकार द्वारा विसंगतीपूर्ण युक्तियुक्तकरण किया गया था जिसका खामयाजा प्रदेश के लोग आज भी भुगत रहें हैं। पूर्व में भी युक्तियुक्तकरण के आड़ में स्कूलों को बंद किया गया था। जिससे विभागीय सेटअप में कमी आई थी। उक्त विसंगतीपूर्ण युक्तियुक्तकरण पर खरसिया विधायक उमेश पटेल ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाया है कि सरकार की मंशा युक्तियुक्तकरण के नाम से विद्यालयों को बंद करना एवं नया शिक्षक भर्ती नहीं करना तो नहीं है।