यूक्रेन में फंसी छत्तीसगढ़ की दीप्ति ने परिजनों को दी सांत्वना, कहा- ‘टेंशन मत लो, हम ठीक हैं’

Chhattisgarh News: रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग से भारत की चिंता बढ़ गई है. यूक्रेन में फंसे लोगों के परिजनों का हाल बुरा है. परिजन भारत सरकार से बच्चों की सकुशल वापसी की गुहार लगा रहे हैं. छत्तीसगढ़ से भी यूक्रेन गए लगभग 75 लोग फंस गए हैं. प्रदेश के 75 लोगों में तीन दुर्ग जिले से हैं. भिलाई के माडल टाउन निवासी अशोक कुमार पाण्डेय का कहना है कि बेटी डर के साय में जी रही है. यूक्रेन में फंसी बेटी की चिंता में भूख प्यास और नींद खत्म हो गई है.

यूक्रेन में फंसे बच्चे माता-पिता को दे रहे दिलासा

परिजन वीडियो कॉलिंग से बेटी का हाल जान रहे हैं. बात होने पर बेटी माता-पिता को दिलासा देती है. बंकर में रात गुजारने के बाद भी बेटी कहती है कि पापा चिंता न करो सब ठीक है. बच्ची के सीनियर्स पैरेंट्स की तरह देखभाल कर रहे हैं. दुखी पिता ने भारत सरकर से सभी बच्चों को सुरक्षित वापस लाने की गुहार लगाई है. अशोक पाण्डेय की 19 वर्षीय बेटी दीप्ति पाण्डेय यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई करने गई है. उनका कहना है कि बेटी यूक्रेन में परेशान है. भले ही बेटी एक बाप को हिम्मत दे रही है, लेकिन भयावह स्थिति को समझा जा सकता है.

माइनस डिग्री टम्प्रेचर में बच्चों को डर के बीच रात गुजारनी पड़ रही है. इससे उनकी सेहत पर फर्क पड़ रहा है. उनकी तबीयत भी खराब होना शुरू हो गई है. जीवन की आस में बच्चे पूरी हिम्मत के साथ टिके हुए हैं. उनकी हिम्मत टूटे इससे पहले भारत सरकार सुरक्षित लाने के लिए कुछ करे.

परिजनों ने कहा बंकर में बच्चे गुजार रहे रात

अशोक पाण्डेय ने बताया कि यूक्रेन का माहौल बहुत ही दहशत भरा है. बंकर में रात गुजारनी पड़ रही है. धमाकों की आवाज से बच्चे सो नहीं पा रहे हैं. यूक्रेन में फंसी दीप्ति ने पिता को बताया कि यूक्रेन की सरकार कोई मदद नहीं कर रही है. हॉस्टल और मेडिकल यूनिवर्सिटी में भारतीय सीनियर्स पैरेंट्स का रोल अदा कर रहे हैं. वही लोग डिसाइड कर रहे हैं को उन्हें कहां रखना है और कैसे सुरक्षित रह पाएंगे. 24 फरवरी की सुबह सीनियर्स ने सभी बच्चों को खाने का सामान और पीने का पानी के साथ सभी दस्तावेज तैयार रखने को कहा. कभी भी मेट्रो या अन्य जगह शिफ्ट किया जा सकता है. सुबह खाने पीने का सामान फंसे लोग खरीद चुके हैं और अभी अपने हॉस्टल में थोड़ी देर आराम करने का मौका दिया गया है. अशोक पाण्डेय ने बताया कि बेटी की खारक्यू से दिल्ली के लिए 26 फरवरी को फ्लाइट थी.

विधायक ने परिजनों से मिल दिया आश्वासन

उन्होंने 24 फरवरी को बेटी से फोन पर कहा कि दिल्ली से रायपुर के लिए भी फ्लाइट की टिकट करवा दें, दीप्ति ने बताया कि सुबह ही खारक्यू और क्यू में एयर स्ट्राइक हुई है और उनकी फ्लाइट रद्द हो गई है. इससे सभी बच्चे फंस गए हैं. अभी कोई निश्चित नहीं कि कब वापस आ पाएंगे. पाण्डेय ने बताया कि खारक्यू में भारत से लगभग 150 बच्चे हैं. दीप्ति के साथ छत्तीसगढ़ के भी लगभग 6 बच्चे हैं.

इसी तरह दूसरी जगह भी भारत के काफी बच्चे फंसे हुए हैं. सभी को सुरक्षित वापस लाना बहुत जरूरी है. दुर्ग शहर के कांग्रेस विधायक अरुण वोरा आज सुबह अशोक पाण्डेय के घर मॉडल टाउन पहुंचे. उन्होंने परिजनों से मुलाकात कर हाल जाना और वीडियो कॉलिंग के जरिए दीप्ति से बात कर यूक्रेन की जानकारी ली. वोरा ने बताया कि छ्त्तीसगढ़ सरकार बच्चों को वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. इसके लिए भारत सरकार से लगातार चर्चा की जा रही है. जल्द ही सभी बच्चे सुरक्षित आ जाएंगे.

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