
जयपुर: राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र के दौरान संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने सदन में कल ऐसी बात कह दी थी, जिसे लेकर सियासी गलियारों में बवाल मच गया है। दरअसल सदन में मुस्कराते हुए दुष्कर्म मामलों में राजस्थान को देश का नंबर वन प्रदेश स्वीकार करते हुए राजस्थान तो वैसे भी मर्दों का प्रदेश रहा है, अब क्या करें।
शांति धारीवाल के बयान पर गुरुवार को प्रदेश की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने ट्वीट में लिखा कि संसदीय कार्य मंत्री के घृणित बयान से व्यथित हूं। सदन में मुस्कराते हुए दुष्कर्म मामलों में राजस्थान को देश का नंबर वन प्रदेश स्वीकार करते हुए राजस्थान तो वैसे भी मर्दों का प्रदेश रहा है, अब क्या करें। कहना स्पष्ट करता है कि कांग्रेस सरकार ने दुष्कर्मियों के आगे घुटने टेक दिए हैं।
सदन में अपनी टिप्पणी को लेकर विपक्षी विधायकों के हंगामे के बीच संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने गुरुवार को माफी मांगते हुए कहा कि मेरी जुबान फिसल गई है। भाजपा ने उनके खिलाफ नारेबाजी की और उनके इस्तीफे की मांग की। धारीवाल ने कहा कि जुबान फिसलने के लिए मुझे खेद है। मैं रेगिस्तानी राज्य के लिए कुछ कहना चाहता था। मैं व्यक्तिगत रूप से महिलाओं का सम्मान करता हूं और आगे भी करता रहूंगा। अगर मेरी टिप्पणियों से किसी को ठेस पहुंची है, तो मैं माफी मांगता हूं।
बता दें कि बुधवार को उन्होंने पुलिस विभाग को अनुदान की मांग के जवाब में कुछ टिप्पणी की थी, जिसे विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया ने महिलाओं, जनता और बहादुर पुरुषों का अपमान कहा था। बाद में उन्हें निष्कासित कर दिया गया। हालांकि स्पीकर सीपी जोशी ने कटारिया से प्रश्नकाल के दौरान मामला नहीं उठाने को कहा, लेकिन विपक्ष ने हंगामा जारी रखा और धारीवाल के इस्तीफे की मांग की। अध्यक्ष ने कहा कि धारीवाल ने उनके कक्ष का दौरा किया था और स्वीकार किया था कि उनकी टिप्पणी अनजाने में थी।














