अध्ययन में दावा: अगर नहीं करेंगे ये एक काम, तो हो जाएंगे कोरोना से गंभीर रूप से संक्रमित

पिछले साल नवंबर-दिसंबर तक ऐसा लगने लगा था जैसे कोरोना महामारी अब खत्म हो रही है, लोग फिर से पुरानी जिंदगी में लौट आएंगे, लेकिन उसके बाद इस महामारी ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली और इस बार यह वायरस अधिक खतरनाक और संक्रामक बनकर लौटा है। भारत में तो संक्रमण के मामलों के नए रिकॉर्ड बनते जा रहे हैं। बीते 24 घंटों में दो लाख से भी अधिक संक्रमण के नए मामले सामने आए हैं और हर दिन ये आंकड़े लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में सरकार से लेकर वैज्ञानिक और विशेषज्ञ तक सभी लोगों से अधिक सावधानी बरतने की अपील कर रहे हैं और स्वस्थ खाना खाने और शारीरिक व्यायाम करने की सलाह दे रहे हैं।

शारीरिक व्यायाम तो शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए बहुत ही जरूरी होता है और अब इसे कोरोना वायरस से भी जोड़कर देखा जा रहा है। दरअसल, हाल ही में प्रकाशित हुए एक अध्ययन में यह कहा गया है कि शारीरिक व्यायाम न करने वाले लोगों को कोरोना के गंभीर संक्रमण का खतरा बेहद ज्यादा होता है।

अध्ययन के मुताबिक, जो लोग लगातार दो साल से व्यायाम नहीं कर रहे हैं, उनके संक्रमित होने, अस्पताल में भर्ती होने और संक्रमण की वजह से जान गंवाने का खतरा ज्यादा है। यह नया अध्ययन अमेरिका स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया है। इस अध्ययन को ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन में प्रकाशित किया गया है।

यह अध्ययन हजारों लोगों पर किया गया है। अध्ययन के मुताबिक, अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती जिन मरीजों पर अध्ययन किया गया, उनमें 48 हजार से अधिक मरीज ऐसे थे, जो पिछले दो साल से किसी भी तरह की शारीरिक गतिविधि कर ही नहीं रहे थे। अध्ययन में पाया गया कि ऐसे लोगों के संक्रमित होने पर आईसीयू और वेंटिलेटर पर जाने की दर काफी अधिक रही।

यह अध्ययन पिछले साल जनवरी से अक्तूबर के बीच कोरोना से संक्रमित हुए 48,440 ऐसे लोगों पर किया गया है, जिनकी औसत उम्र 47 साल थी और इस अध्ययन में 62 फीसदी महिलाएं भी शामिल थीं। इनका औसत बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स) 31 था। दरअसल, इस बॉडी मास इंडेक्स को मोटापे की श्रेणी में रखा जाता है। इस अध्ययन की खास बात ये भी है कि इसमें शामिल लगभग आधे लोगों को डायबिटीज, हृदय रोग, किडनी की बीमारी या कैंसर नहीं था।

 

अध्ययन में यह पाया गया कि हफ्ते में 150 मिनट व्यायाम करने वालों के मुकाबले व्यायाम न करने वाले लोगों के कोरोना से संक्रमित होने पर आईसीयू की जरूरत पड़ने की आशंका 73 फीसदी अधिक और जान गंवाने की आशंका ढाई गुना अधिक है। इस अध्ययन में यह भी बताया गया है कि शारीरिक व्यायाम न करने वालों से कोरोना से संक्रमित होने का ज्यादा खतरा सिर्फ बुजुर्गों और अंग प्रत्यरोपण करवा चुके लोगों को ही होता है। इसलिए सभी लोगों बेहद ही सावधान रहने की जरूरत है।

 

 

 

 

 

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