छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के बहुचर्चित 19 वर्षीय रानू साहू हत्या मामले में एसपी ने राजफाश किया। इस पूरे मामले में प्रेम-प्रसंग की बात सामने आई है। प्रेमी ने ही रानू की हत्या कर लाश को पैरावट में छिपा दिया था। इसके बाद वह फरार हो गया था।
कवर्धा। छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के बहुचर्चित 19 वर्षीय रानू साहू हत्या मामले में एसपी ने राजफाश किया। इस पूरे मामले में प्रेम-प्रसंग की बात सामने आई है। प्रेमी ने ही रानू की हत्या कर लाश को पैरावट में छिपा दिया था। इसके बाद वह फरार हो गया था। इंदौरी निवासी आरोपित मनोज साहू को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। बुधवार को आरोपित को जेल भेज दिया गया है।
मामले का राजफाश करते हुए एसपी डा. लाल उमेंद सिंह ने बताया कि मृतका रानू साहू पांच दिसंबर से गायब थी। इस संबंध में 10 दिसंबर को उसके स्वजनों ने पिपरिया थाना में गुमशुदगी को लेकर रिपोर्ट दर्ज कराई। वहीं 12 दिसंबर को रानू साहू की लाश इंदौरी गांव में खेत के पास बरामद हुई। संदेह के आधार पर आरोपित मनोज साहू (22) से पूछताछ किया गया। आरोपित ने हत्या करना स्वीकार किया।
आरोपित ने बताया कि पांच दिसंबर की रात को रानू साहू के साथ मुलाकात की। इस दौरान दोनों के बीच में बहस हुई। इसी बहस के दौरान विवाद करते हुए रानू साहू गिर गई। गिरने के दौरान रानू को पत्थर से चोट आई और वह बेहोश हो गई। बेहोश होने के बाद आरोपित ने मृतका रानू साहू की हत्या कर लाश को पास के एक पैरावट में छिपा दिया। इसके बाद आरोपित मौके से फरार हो गया।
कुछ अंगों को जानवरों ने पहुंचाया नुकसान
इस मामले में पुलिस का कहना है कि जिस दिन रानू का लाश मिला था, उसी दिन जिला अस्पताल में पीएम के लिए लाया गया। लाश की स्थिति को देखते हुए अस्पताल में पीएम होना संभव नहीं था। ऐसे में लाश को पीएम के लिए रायपुर के अंबेडकर अस्पताल में पीएम के लिए भेजा गया था। रायपुर से आए पीएम रिपोर्ट में हत्या की बात सामने आई है। इसके अलावा पुलिस ने बताया कि मृतिका के शरीर के कुछ अंग अलग-अलग हो गए थे। आशंका जताई जा रही हैं कि जब आरोपित ने रानू की हत्या कर लाश को पैरावट में छिपा दिया था। इसके बाद जानवरों ने लाश को नुकसान पहुंचाया है। हालांकि अभी भी पुलिस को पूरी पीएम रिपोर्ट व फारेसिंक जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रही हैं।
मृतका रानू साहू व मनोज साहू दोनों इंदौरी गांव के ही रहने वाले हैं। दोनों के बीच में प्रेम-प्रसंग की बाते अब तक सामने आई है। घटना की रात पांच दिसंबर को दोनों एक साथ थे। वहीं घटना के बाद आरोपित भाग गया था। इस कारण पुलिस को आरोपित के ऊपर सबसे ज्यादा शक हुआ। हालांकि पुलिस ने आरोपित को शंका के आधार पर अपने निगरानी में रखे हुए थे। यहां पर बताना लाजमी है कि हत्याकांड की खुलासा को लेकर पुलिस के ऊपर भी दबाव था। क्योंकि मामले की जांच कर कार्रवाई को लेकर साहू समाज ने ज्ञापन भी सौंपा था।