गारेपालमा IV/ 5 अंडरग्राउंड माइंस सरेंडर करने की प्रक्रिया शुरू, इस वजह कंपनी दे रही है वीआरएस .. कंपनी वीआरएस के तहत दे रही सर्वाधिक राशि …वीआरएस का नही कोई दबाव

हिंडाल्को की वीआरएस स्कीम को लेकर कर्मचारियों में उत्साह कंपनी वीआरएस के तहत दे रही सर्वाधिक राशि

चार दिनों में 70 प्रतिशत कर्मचारियों ने स्वेच्छा से लिया वीआरएस

रायगढ़। गारेपालमा में IV/4 और IV/5 में खनन कर रही देश की अग्रणी कंपनी हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने भूमिगत खनन संभव होता नहीं देख इसे बंद करने का फैसला किया है। इसके बाद कंपनी ने कर्मचारियों के हितों का ध्यान रखते हुए एक आकर्षक स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति स्कीम (वीआरएस) की पेशकश की है। हिंडाल्को द्वारा इस वीआरआस योजना का लाभ उन तमाम कर्मचारियों को दिया जाएगा जो निरंतर पिछले 5 वर्षों से 31 दिसंबर 2020 तक कंपनी के स्थायी रोल पर हैं। इस योजना को लेकर कंपनी के कर्मचारियों में जबरदस्त उत्साह का माहौल है। 6 जनवरी से शुरू हुई इस योजना में महज 4 दिनों के भीतर करीब 70 प्रतिशत कर्मचारियों नें वीआरएस स्वेच्छा से ले ली है। शेष प्रक्रियाधीन हैं।

इस मामले में रायगढ़ के कलेक्टर भीम सिंह शनिवार को बैठक कर प्रबंधन व कर्मचारियों का पक्ष जान चुके हैं। कंपनी नियम के तहत यह कार्य कर रही है। कंपनी द्वारा गारेपालमा में IV/4 और IV/5 भूमिगत खदान को चलाने की हर संभव कोशिश की गई है। पिछले कई महीनों से कंपनी के तमाम प्रयासों के बावजूद स्थायी खनन परिचालन संभव होती नहीं दिख रही है। तमाम पहलुओं पर विचार करने के बाद इस खनन को बंद करने के अलावा फिलहाल कोई विकल्प नहीं दिख रहा है। कंपनी कर्मचारियों के साथ है, लिहाजा उनके लिए एक वीआरएस स्कीम लाई गई है ताकि उन्हें इसका लाभ मिल सके। यह उनकी इच्क्षा पर है के वे वीआरएस की योजना का लाभ लें अथवा नहीं। कंपनी की यह स्कीम आगामी 20 जनवरी तक चलेगी। जो भी कर्मचारी इस योजना के लिए आवदेन कर रहे हैं, उनका जल्द से जल्द भुगतान कंपनी प्रबंधन द्वारा करने की कोशिश की जा रही है ताकि उन्हें इस योजना का लाभ मिल सके।

मालूम को कि कोरोना काल में भी जब कई कंपनियों ने वेतन कटौती समेत कर्मचारियों की छंटनी की उस समय भी हिंडाल्को प्रबंधन ने किसी भी कर्मचारी की न तो वेतन कटौती की ना किसी भी कर्मचारी को नौकरी से निकाला। मौजूदा परिस्थिति में चूंकि भूमिगत खदान को चलाना संभव होता होता नहीं दिख रहा है, लिहाजा कंपनी अपने कर्मचारियों के भविष्य की चिंता करते हुए इस वीआरएस स्कीम को लेकर आई है।

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