45 साल की महिला ने रची झूठे गैंगरेप की कहानी, कोर्ट ने सुनाई 10 साल की सजा

भोपाल. मध्यप्रदेश की जिला अदालत ने सामूहिक बलात्कार मामले में फैसला सुनाते हुए झूठे रिपोर्ट दर्ज कराने के आरोप में महिला और उसके साथी को 10 साल की सजा सुनाई है. साथ ही आरोपियों पर अदालत ने 2-2 हजार का अर्थदंड भी लगाया है. दरअसल 45 साल की महिला ने 2014 में कुछ लोगों पर गैंग रेप का आरोप लगाते हुए पुलिस के पास केस दर्ज कराया था. इसके बाद कोर्ट ने डीएनए टेस्ट कराया तो पूरा सच सामने आ गया. डीएनए रिपोर्ट अनुसार महिला की रिपोर्ट उसके ही साथी से मैच होती मिली न की महिला द्वारा बताए गए आरोपियों से. कोर्ट ने झूठी रिपोर्ट दर्ज कराने पर महिला और उसके साथी पर आज फैसला सुनाया.

जिला कोर्ट ने कहा कि यह सजा डीएनट टेस्ट के आधार पर दी गई है. वहीं पुलिस ने जानकारी देते हुए कहा कि एक 45 साल की महिला ने अगस्त 2014 में पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. और कुछ लोगों पर उसके साथ किए गैंगरेप का आरोप लगाया था. पुलिस ने उस वक्त आरोपियों के खिलाफ 376 (2) की धारा में मामला दर्ज किया था. इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच कारण शुरू किया और महिला द्वारा बताए गए आरोपियों से पूछताछ की गई.

महिला द्वारा बताए गए आरोपियों ने पुलिस को डीएनए टेस्ट के लिए आवेदन दिया था. इसके बाद पुलिस अधीक्षक ने उन्हें डिएनए टेस्ट की अनुमति दी. इसके बाद महिला और बाकी आरोपियों का डीएनए टेस्ट कराया गया. रिपोर्ट में सामने आया कि महिला से आरोपियों का डीएनए मैच नहीं हो रहा. वहीं पुलिस ने शक के आधार पर महिला के एक साथ का भी डीएनए टेस्ट कराया. पुलिस का शक सही निकला और महिला की डीएनए रिपोर्ट उसके साथी गोपाल से मैच हो गई. पुलिस ने महिला और आरोपी के खिलाफ धारा 376 (2) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया था. बुधवार को कोर्ट ने झूठा मामला दर्ज कराने पर महिला और उसके साथी दोनों आरोपियों को 10 साल की सजा दी और दो हजार का अर्थदंड लगा दिया.

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