रायगढ़. जिले में अब कोरोना संक्रमण के बाद ब्लैक फंगस का खतरा बढऩे लगा है, हालांकि अभी तक यहां से एक भी केस की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन जिले से तीन सैंपल जांच के लिए भेजा गया है। साथ ही एक मरीज की तबीयत गंभीर होने पर बिते दिनों रायपुर रेफर किया गया था, लेकिन अभी तक इसका भी रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग के पास उपलब्ध नहीं हो सका है। ऐसे में शंसय की स्थिति बनी हुई है।
गौरतलब हो कि जिले में अब कोरोना संक्रमण के दूसरे लहर के बीच ब्लैक फंगस का भी खतरा बढऩे लगा है, ऐसे में वर्तमान में जिले से चार सैंपल जांच के लिए भेजा गया है, लेकिन अभी तक किसी का भी रिपोर्ट विभाग के पास नहीं पहुंचा है, साथ ही प्रदेश में एक-दो केस मिलने के बाद रायगढ़ जिला में भी इसको लेकर अलर्ट जारी किया गया है। साथ ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसके प्राथमिक लक्षण के बारे में लोगों को जानकारी दी जा रही है, ताकि अगर किसी व्यक्ति में लक्षण दिखता है तो समय रहते इसका जांच व उपचार शुरू हो सके। साथ ही स्वास्थ्य विभाग की माने तो यह बीमारी ज्यादातर डायबिटिज व कोविड-१९ मरीजों में इसका असर देखने को मिल रहा है। बताया जाता है कि कोविड मरीजों को स्टेरायड दवा दी जाती है, जिससे शरीर में स्टेरायड की मात्रा अधिक होने से ब्लैक फंगस का लक्षण आने लग रहा है।
ब्लैक फंगस के लक्षण
इस संंबंध में अधिकारियों ने बताया कि आदमी के शरीर में स्टेरायड की मात्रा अधिक होने के बाद उसके चेहरे में एक तरफ दर्द हो सूजन हो या सुन्न होने लगता है। दांत में दर्द, दांत हिलने लगे चबाने में दर्द हो, उल्टी में या खाँसने पर बलगम में खून आना, त्वचा/आंख में काले धब्बे दिखाई देना, आंखो से कम दिखाई देना, आंखो का लाल होना, ऊपर का तालू काला होना, जीभ का काला होना, नाक में तेज दर्द होना ये ब्लैक फंगस के लक्षण हैं। अगर इस तरह की समस्या किसी को भी हो तो तत्काल डाक्टर से संपर्क करना चाहिए, ताकि समय रहते उपचार हो सके।