शंख एवं घंटा की ध्वनि से गूंज उठेगा मधुबन धाम

मधुबन धाम में 15 से 23 मार्च तक श्रीराम महायज्ञ एवं मेला प्रारंभ

मगरलोड. विकासखंड की प्रसिद्ध एवं पवित्र स्थल मधुबन धाम में प्रति वर्ष की भांति 15 से 23 मार्च तक श्रीराम महायज्ञ एवं मेला महोत्सव का आयोजन किया गया है। मधुबन धाम में शंख एवं घंटा की ध्वनि से गुंजायमान होगा। श्री राम महायज्ञ के यज्ञ कर्ता पंडित सीताराम दास जी, यज्ञ आचार्य मौरध्वज जी महाराज टीला वाले, प्रवचन कर्ता महंत श्री सूरज दास जी महाराज हरिद्वार उत्तराखंड तथा सहयोगी पंडितों में रामदेव शर्मा, रामकृष्ण शर्मा, युगल किशोर, जितेंद्र शर्मा, विष्णु प्रसाद, शिव प्रसाद, कालेश्वर प्रसाद की उपस्थिति एवं मंच उपचार से संपन्न होगी। मधुबन धाम में सैकड़ों महुआ की विशाल वृक्ष अच्छादित है। यहां सभी समाज के पवित्र मंदिर स्थापित हैं जहां प्रतिदिन पूजा पाठ भजन प्रवचन होता रहता है। पुरातत्व विभाग एवं पौराणिक कथा अनुसार भगवान श्री राम वन गमन मार्ग गए स्थल मधुबन धाम का स्पष्ट उल्लेख मिलता है। मधुबन धाम रमणीक स्थल है। यहां विभिन्न देवी-देवताओं का निवास स्थल है। मधुबन धाम में प्रथम बार सन 1980 फाल्गुन शुक्ल द्वितीय को श्रीराम महायज्ञ का आयोजन किया गया। मधुबन में सर्वप्रथम पंचमुखी हनुमान की विशाल प्रतिमा की मंदिर निर्माण महंत गोपालदास के मार्गदर्शन में किया गया। 1987 में विरोधी निवासी लक्ष्मी नारायण साहू द्वारा माता जोहुरा बाई की याद में श्री राम जानकी मंदिर निर्माण किया गया। मधुबन धाम में हनुमान जी की बालक रूप की प्रकाश पुंज का साक्षात दर्शन भक्तजनों को आज भी दर्शन लाभ मिलता है।

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