
राष्ट्रीय स्तर पर आईसीटी अवार्ड के बाद क्षेत्रीय स्तर पर राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए कृष्णा पटेल का चयन
राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2021 के लिए केंद्र सरकार के निर्देश के बाद नवोदय विद्यालय समिति के निर्देशानुसार भोपाल रीजन जिसमें छत्तीसगढ़ उड़ीसा और मध्यप्रदेश राज्य आते हैं के कुल 113 नवोदय विद्यालय से विभिन्न शिक्षकों के ऑनलाइन प्रेजेंटेशन के बाद जवाहर नवोदय विद्यालय जांजगीर चांपा के विज्ञान शिक्षक कृष्ण कुमार पटेल का राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के क्षेत्रीय स्तर पर चयन किया गया है।
ज्ञात हो कि मूलतः ग्राम धनागर जिला रायगढ़ निवासी कृष्ण कुमार पटेल जवाहर नवोदय विद्यालय चिस्दा जांजगीर चांपा में विज्ञान शिक्षक के रूप में पदस्थ हैं, एक ही महीने के अंदर दो दो बड़ी उपलब्धियों से ग्रीन ग्राम धनागर में काफी हर्ष व्याप्त है और गांव से ही संबंधित जिला पंचायत अध्यक्ष निराकार पटेल एवं पूर्व जिला शिक्षा समिति के सभापति नरेश पटेल ने बधाई देते हुए बताया कि कृष्ण कुमार पटेल शिक्षा के क्षेत्र में एक सशक्त हस्ताक्षर हैं जो ज्ञान ज्योति से ना केवल रायगढ़ अपितु पूरे भारत को आलोकित कर रहे हैं।
विद्यालय परिवार ने हर्ष व्यक्त करते हुए शिक्षक को विद्यालय का आदर्श शिक्षक बताते हुए कहा कि विज्ञान विषय में हमेशा नवाचार कर के विषय को रोचक पूर्ण तरीके से पढ़ाते हैं साथ ही विभिन्न सोशल मीडिया खासकर के उनके अपने यूट्यूब चैनल केकेपटेल में विषय संबंधित और प्रेरणादायक वीडियो बनाकर इस कोरोनावायरस ज्ञान की अलग छात्रों में जगाया ।
वर्तमान में कृष्ण कुमार पटेल विज्ञान शिक्षक के साथ-साथ एनसीसी ऑफिसर , यूट्यूबर, योग प्रशिक्षक , विभिन्न ऑनलाइन प्रोग्राम के ट्रेनर भी हैं।
राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार किसे दिया जाता है
यह पुरस्कार ऐसे होनहार तथा कर्त्तव्यनिष्ठ शिक्षकों को दिया जाता है जिन्होंने अपनी प्रतिबद्धता और परिश्रम के माध्यम से न केवल स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया है, बल्कि अपने छात्रों के जीवन को भी समृद्ध बनाया है।
शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार देने की योजना 1958-59 में शुरू की गई थी. इसका मुख्य उद्देश्य था शिक्षकों की प्रतिष्ठा को बढ़ाना और प्राथमिक, माध्यमिक और म उच्चतर विद्यालयों में काम कर रहे मेधावी शिक्षकों को सार्वजनिक मान्यता देना. इसके लिए हर साल 5 सितंबर (शिक्षक दिवस) पर भारत के राष्ट्रपति द्वारा शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार दिया जाता है.।
चयन के लिए मापदंड
मूल्यांकन मैट्रिक्स के आधार पर शिक्षकों का मूल्यांकन किया जाता है, जिसमें दो प्रकार के मापदंड होते हैं:
1वस्तुनिष्ठक मापदंड:
इसके तहत शिक्षकों को प्रत्येक वस्तुनिष्ठ. मापदंड के सामने स्पष्ट रूप से दिए गए तर्क के अनुसार अंक दिए जाते है. इन मापदंडों को 100 में से 20 अंक दिये जाते है.
2.कार्य प्रदर्शन पर आधारित मापदंड:
इसके तहत, शिक्षकों को प्रदर्शन पर आधारित मापदंडों के अनुसार अंक दिए जाएंगे. जैसे सीखने के परिणामों में सुधार करने के लिए पहल, नवाचारी प्रयोग, पाठ्येत्तर एवं सह-पाठ्यचर्यात्मक गतिविधियों का आयोजन, शिक्षण-अधिगम सामग्री का प्रयोग, सामाजिक सक्रियता, प्रयोगात्मक लर्निंग सुनिश्चित करना, छात्र/छात्राओं को शारीरिक शिक्षा सुनिश्चित करने के अनूठे तरीके आदि. इन मापदंडों को 100 में से 80 अंक दिया जाता है.