अवैध रेत खनन रोकने पर मुख्यमंत्री बघेल फेल…… बघेल के आदेश की उड़ी धज्जियां या फिर काँग्रेस के नेताओं के संरक्षण में चल रही अवैध खदानें- काँग्रेस नेता के पुत्र भी शामिल

आशीष तिवारी आप की आवाज रायपुर(छ.ग.)
रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अवैध रेत खनन रोकने में असफल साबित हो चुके हैं, जिस प्रकार से एक प्रपंच रचा गया कि अवैध रेत उत्खनन को रोकने का निर्देश मुख्यमंत्री द्वारा जारी कर दिया जाता है लेकिन मुख्यमंत्री के आदेश के बाद भी अवैध खदानें अभी भी चल ही रही है।
प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल के आदेश के बाद भी अवैध खदानें फल फूल रही है औऱ बड़े बड़े रसूखदार लोग अभी भी पोकलेन बनाकर नदी से रेत खनन करने का काम कर ही रहे हैं।
अवैध रेत उतखनन कर रेत का उपयोग नेशनल हाईवे पर निर्माण के लिए भी किया जा रहा है और शासन प्रशासन भी चुप्पी साधे हुए बैठी हुई है या फिर बड़े नेताओं के संरक्षण होने के कारण प्रशासन अवैध रेत उत्खनन पर कार्यवाही नही कर पा रही है। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद कुछ जिलों में छोटी मोटी कार्यवाही की गई जिसमें जशपुर जिले में अवैध उत्खनन को लेकर दर्जनों छोटे मामले दर्ज किए गए। लेकिन मुख्यमंत्री के आदेश के बाद भी प्रशासन के नाक के नीचे से अवैध उत्खनन का कार्य किया जा रहा है और मुख्यमंत्री के आदेश कि धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं। हालात अभी ऐसे हैं कि अब स्थानीय जनप्रतिनिधि भी प्रशासन की प्रणाली पर सवाल करते नजर आ रहे हैं।आखिर प्रशासन इस अवैध उत्खनन को रोकने तथा कार्यवाही करने से कतरा क्यों रही है। जिससे ये साफ एवं स्पष्ट है कि बड़े नेताओं के संरक्षण में यह कार्य किया जा रहा है।
● काँग्रेस नेता के पुत्र भी अवैध उत्खनन में शामिल
काँग्रेस नेता के पुत्र भी लीज पर मिले मैनी नदी के टाँगरगांव रेत खदान को लिया है लेकिन सरकार होने और अपनी नेतागिरी की धौंस से मैनी नदी के कई हिस्सों में मशीन लगाकर अवैध उत्खनन का कार्य किया जा रहा है और रोजाना हाइवा से दर्जनों ट्रिप रेत निकाली जा रही हैं। बिना किसी रसूखदार नेता के बिना यह संभव नही हो सकता।
इस पूरे मामले की जानकारी प्रशासन को ज्ञात होने पर भी रसूखदारों के चलते कार्यवाही नही कर पा रही है।
कांसाबेल के तहसीलदार सूर्यकांत साय ने कहा कि शासन प्रशासन से जो भी निर्देश प्राप्त होता है उस पर कार्यवाही की जाती है। एक माह पूर्व ही सभी अवैध खदानों को चिन्हांकित कर रोक लगाया गया था। तहसीलदार का कहना है कि अगर अवैध उत्खनन किया जा रहा है तो निश्चित ही ऐसे खदानों पर एक्शन लिया जाएगा।
खैर जैसा भी हो लेकिन इन सब बातों से स्पष्ट रूप से उजागर होता है कि मुख्यमंत्री बघेल के आदेश की बिल्कुल भी महत्ता नही है इसीलिए आदेश के बाद भी यह कार्य धड़ल्ले से चल रहा है, या फिर पर्दे के पीछे की कहानी कुछ और है।

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