बदलेगा अंतिम संस्कार का तरीका! मृत लोगों को पेड़ों में बदलेगी ये कंपनी

मनुष्य के मरने पश्चात् शरीर को जलाया अथवा दफनाया जाता है। संसार के अधिकांश भागों में शरीर को दफनाना ही दाह संस्कार है। आजकल मनुष्य मरने से पूर्व शरीर या अंगों को दान कर जाते हैं। जिससे किसी का भला हो सके। या मेडिकल के विद्यार्थी मृत शरीर की आंतरिक संरचना को समझ सकें। मगर एक कंपनी ऐसी है जो मृत शरीर को वृक्षों में परिवर्तित करना चाहती है। वो दाह संस्कार का तरीका बदलने की तैयारी में है। आइए समझते हैं कि आखिर इस ढंग में क्या होगा? इससे समाज तथा प्रकृति को वैज्ञानिक रूप से क्या लाभ होगा?

वही जब भी किसी की मृत्यु होती है, उसके परिजन दुखी होते हैं। वो चाहते हैं कि मृत मनुष्य को अंतिम विदाई तरीके से दी जाए। कुछ मनुष्य विशाल आयोजन करते हैं। बड़े मकबरे या समाधि बनवाते हैं। बढ़िया कॉफिन मंगवाते हैं। मगर कैप्सुला मुंडी नाम की एक कंपनी है, जो मृत मनुष्यों के शरीर को एक विशेष प्रकार के पॉड में डालकर उसे वृक्षों में परिवर्तित करने का प्रस्ताव लाई है।

 

वही इस विशेष पॉड का नाम है ऑर्गेनिक बरियल पॉड्स। मतलब एक ऐसा अंडाकार कैप्सूल जो कार्बनिक है। अब इससे लाभ क्या होगा? कैप्सुला मुंडी के इस अंडाकार कैप्सूल में मनुष्य के शरीर को उसी प्रकार से रखा जाएगा, जिस प्रकार से वह किसी महिला के गर्भ में भ्रूण के तौर पर होता है। भ्रूण की भांति ऑर्गेनिक बरियल पॉड्स में रखे गए मृत शरीर को कैप्सुला मुंडी कंपनी एक बीज के तौर पर देखती है। जिसके ऊपर एक वृक्ष होगा। कैप्सुला मुंडी का यह ऑर्गेनिक बरियल कैप्सूल स्टार्च प्लास्टिक से बना है। जो 100 फीसदी भूमि में पूर्ण रूप से गल जाएगा। इस पॉड के गलने के साथ ही मृत शरीर भी गल जाएगा। यह शरीर पूर्ण रूप से भूमि में मिल जाएगा। इसके बदले में शरीर के पिघलने से निकलने वाले पोषक तत्व ऊपर लगे वृक्ष का विकास करेंगे। इसका एक लाभ ये होगा कि मृत मनुष्य के परिजन उस वृक्ष के नीचे अपनो को याद कर सकते हैं। उनकी छांव में वक़्त गुजार बिता सकते हैं।

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