रेलवे की ओएमएस मशीन की चपेट में आने से दो लोगों की दर्दनाक मौत,,, क्षेत्र में रेल्वे के प्रति रोष तो मृतकों के प्रति संवेदना

सक्ती। स्टेशन के पास हुई दर्द विदारक घटना से क्षेत्र में माहौल काफी गमगीन हो गया है। ओएमएस मशीन ने दो लोगों की जान ले ली है वही दो से तीन लोग घायल हुए है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार डभरा ब्लॉक के महंत परिवार के लोग रायपुर से सक्ती दक्षिण बिहार ट्रेन से आये थे और अपने गांव जाने के लिए पटरी के किनारे किनारे टेमर फाटक से बस पकड़ने निकले थे तभी ओएमएस मशीन जो कि रेल्वे ट्रेक में स्पीड नापने के होता है कि चपेट में आने से दो लोगों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। जिनमे से एक सुखपाली निवासी सुखी दास महंत है तो वहीं दूसरा अमृत दास महंत सपोस निवासी है। मृतकों के शव को चाम्पा जीआरपी ने अपने पजेशन में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। वहीं परिजनों के साथ साथ नगर और आसपास भी शोक की लहर दौड़ पड़ी है।

इस संबंध में रेल्वे विभाग के जानकारों की मानें तो गलतियां मृतकों और उनके परिजनों की बताई जा रही है। जानकर कह रहें हैं कि रेलवे ट्रैक पर चलना कानूनन अपराध है। लगातार लोगों को जागरूक भी किया जाता है कि रेलवे ट्रैक पर ना चलें ना ही बंद फाटक को पार करें, लेकिन लोग हमेशा गलती कर जाते हैं और इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ता है। वहीं कुछ प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो ओएमएस वाहन बहुत तेज गति से आ रही थी वहीं ट्रैक पर चल रहे लोगों को सतर्क करने हॉर्न का भी उपयोग उक्त मशीन में बैठे इंजीनियरों ने नहीं की यही कारण है कि गांव के भोले भाले लोग इसकी चपेट में आ गए और जान गंवा बैठे। यहां यह बताना जरूरी है कि अक्सर ट्रैक के किनारे चलने वालों के साथ बड़ा हादसा होता रहता है साथ ही मवेशी भी ट्रेन की चपेट में आते रहते हैं बावजूद इसके रेलवे द्वारा उक्त घटनाओं को रोकने कोई मुहिम नहीं चलाई जाती है ना ही लोगों को जागरूक किया जाता है।

अधिकतर वही लोग ट्रैक किनारे ट्रैन की चपेट में आते हैं जो यातो अनपढ़ होते है या फिर कम पढ़े लिखे लोग रहते हैं जो रेलवे द्वारा लिखे सूचनाओं को पढ़ नहीं पाते हैं। आज की भी घटना लगभग इसी तरह की बताई जा रही है साथ ही लोगों का कहना है कि अगर कुछ लोग रेलवे ट्रैक पर चल रहे थे तो ओएमएस परिचालकों द्वारा हॉर्न का उपयोग कर उन्हें सतर्क क्यों नहीं किया गया। साथ ही अगर रेलवे के जानकार मृतकों की गलती बता रहें हैं तो फिर ओएमएस चालकों या उस पर सवार इंजीनियरों की भी गलती है कि उन्होंने हॉर्न का उपयोग कर लोगों को सतर्क क्यों नहीं किया गया। सक्ती के अलावा डभरा क्षेत्र में भी रेलवे को लेकर रोष के साथ साथ मृतकों के लिए संवेदना और शोक व्याप्त है।

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