रोका छेका का अभियान ठप-गौठान की व्यवस्था फैल सडको पर मवेशी:अशीम राय

पखांजूर से बिप्लब कुंडू–10.7.22

रोका छेका का अभियान ठप-गौठान की व्यवस्था फैल सडको पर मवेशी:अशीम राय

पखांजूर–
शासन के निर्देशों के बावजूद पखांजूर नगर व क्षेत्र में रोका छेका अभियान धरातल पर नजर नहीं आ रहा है । पशुओं की सुरक्षा और सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए राज्य सरकार ने रोका छेका अभियान की शुरुआत की थी । जिसके तहत मवेशियों को गौठानों में रखने की योजना है । शासन की महत्तवकांक्षी योजना का क्रियान्वयन सिर्फ दिखाए तक ही सीमित नजर आ रहा है।पखांजूर क्षेत्र में आज भी मवेशी सड़कों पर बैठे नजर आ रहे हैं । ये मवेशी हादसों को आमंत्रित कर रहे हैं।इसके बाद मवेशी अक्सर मुख्य सड़कों पर बैठ जाते है,जिनकी चिंता नगर प्रशासन नही कर रहा है । लिहाजा इन पशुओं के कारण हर साल कई वाहन चालक हादसे का शिकार होते है । पशुओं के सड़कों पर बैठने के कारण हो रही सड़क दुर्घटनाओं को रोकने,और मवेशियों को संरक्षित रखने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रोका छेका अभियान की शुरुआत की थी,लेकिन इस अभियान की वास्तविकता की पोल पखांजूर क्षेत्र की सड़कों पर बैठे मवेशी खोल रहे है।भाजपा के जिला उपाध्यक्ष अशीम राय ने कहा भूपेश सरकार द्वारा प्रदेश भर में करोड़ो रुपए खर्च कर सभी ग्राम पंचायतो में गौठान निर्माण करा रही है।रोका छेका कार्यक्रम चल रही,लेकिन ये कार्यक्रम फैल होता नजर आ रही है।पखांजूर नगर के बात करे तो दिन रात सडको में मवेशियों के जमावड़ा लगा रहता है।जब मवेशियों को सुरक्षित रखने के लिए करोड़ो रूपया खर्च कर गांव-गांव में गौठान निर्माण करा रही है और मवेशी सड़क पर घूम रहे है तो इस प्रकार की योजना किस काम की है।भूपेश सरकार के गौठान पूरी तरह फैल है।

ठप पड़ता नजर आ रहा अभियान , छुट्टा मवेशियों से सब परेशान :-

बता दें कि प्रदेश में रोका – छेका अभियान कहीं धीमा तो कहीं ठप है । राज्य सरकार ने फसलों की सुरक्षा और किसानों की आय को पंचायतों में बढ़ाने के लिए कृषि की परंपरा रोका – छेका अभियान की शुरुआत 19 जून 2020 को किया गया था । प्रति वर्ष रोका छेका तौहार मनाया जाता है , लेकिन शहरों की सड़कों पर घूम रहे मवेशियों से होने वाले हादसों को रोकने के लिए भी यह कदम अहम माना गया ।

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