लाखों की दुआओं का असर और स्वयं की आत्मशक्ति से राहुल सुरक्षित बोरवेल से बाहर निकला… शासन-प्रशासन सहित समाज सेवी, उद्योगपति, ठेकेदारों, व्यापारियों ने झोंकी थी ताकत

सक्ती। राहुल बेटा मै आ रहा हूं… एक आवाज और हजारों पब्लिक के बीच पिन ड्राप साइलेंट, फिर एक लाल टी शर्ट और बरमूड़ा पहना आदमी जोर से दौड़ते हुए बोरवेल के पास से 60 फीट गहरे गड्ढे की ओर दौड़ा और कुछ ही उेर में राहुल साहू को लेकर रेस्क्यू टीम एम्ब्यूलंेस की ओर बढ़ी। लोग देखने लगे कि आखिर हो क्या रहा है। हम बात कर रहें हैं मालखरौदा विकास खण्ड के पिहरीद गांव की जहां राहुल साहु नाम का एक 11 साल का बच्चा अपने ही बाड़ी के 90 फीट खुदे बोरवेल में खेलते हुए गिर गया।
घटना तो 10 जून दोपहर 3 बजे की है, जब राहुल घर के पीछे अपनी बाड़ी में खेलते हुए बोरवेल में गिरा जिसकी जानकारी परिजनों को लगते ही प्रशासन को दी गई। करीब शाम 5 बजे अनुविभाग प्रशासन और पुलिस प्रशासन मौके पर पहुच गई। साथ ही अधिकारियों ने अपने साथ कुछ जेसीबी और ट्रेक्टर लेकर बोरवेल से थोड़ी दूरी पर खोदाई का काम प्रारंभ किया। प्रशासनिक अधिकारियों के पहुंचते ही पूरा प्रदेश और मिडीया के बीच हलचल बढ़ी, और राहुल को सकुशल लान का प्रयास चालू हुआ। रात करीब 8 से 9 बजे तक मौके पर एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम भी मौैके पर पहुंच चुकी थी।

एनडीआरएफ और एसडीआरएफ का ज्वाइंट आपरेशन राहुल का रेस्क्यू
प्रशासनिक अधिकरियों ने तात्कालिक स्थिति के हिसाब से अपना काम तो प्ररंभ कर दिया था साथ ही पीएचई विभाग के संभागीय स्तर के सभी अधिकारी भी मौके पर पहुंच चुके थे लेकिन जैसे ही लागों को पता चला कि एनडीआरएफ औैर एसडीआरएफ मौके पर पहुंच चुकी है लोगों के मन में एक तसल्ली भरी सासें आई और लोगों को लगा कि अब राहुल का रेस्क्यू बहुत जल्द पूरा हो जाएगा। दोनों टीमों में अधिकारियों ने आपसी सामजस्य स्थापित किया और फिर रेस्क्यू के काम को तेजी देने का कार्य प्रारंभ हुआ। बडी बड़ी दैत्याकार मशीनें बोरवेल की बराबरी से खोदई कार्य करने लगी, रविवार सुबह 4 बजेतक बोरवेर में समानांतर 60 फीट की खुदाई पूर्ण हुई और फिर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम ने 10 फीट सुरंह बनाने का काम आगे बढ़ाया। अचानक सुबह 5 बजे पता चला कि सुरंग के बीचों बीच एक काफी बढ़ा डोलामाईट का चट्टान बाधा बन रहा है। पूरा प्रशासन और दोनों टीमों के चेहरों पर परेशानी के सिकन दिखने लगे। पूरा प्रशासन अब एस बडे से चट्टान को जल्द से जल्द से चूर चूर करने की कवायद में तरकीबें लगाने लगा। ओएसडी सक्ती सुश्री नुपुर, एडीएम जांजगीर राहुल देव आईएएस और एसडीएम सक्ती रेना जीमल आईएएस ने तत्काल कलेक्टर जितेन्द्र शुक्ला पत्थर को तोडने के लिए ड्रील, स्प्लीडर, राक कटर, सहित मशीनों का इंतजाम किया गया। इस बीच जब प्रशासन मशीनों की जुगत लगा रहा था एनडीआरएफ और एसडीआरएफ बिना रूके अपने तात्कालिक संसाधनों से विशालकाय पत्थर को चूर करने में लगे हुए थे।

काम करने वालों को भोजन कराने की जिम्मेदारी सक्ती के वंदना इंजीरियरिंग के दादू जायसवाल ने अपने कंधे में लिया

ज्ञात हो कि पूरा प्रशासन तो राहुल के रेस्क्यू में लगा हुआ था और राहुल को बचाने एनडीआरएफ और एसडीआरएफ अपना बेहतर करने में लगे हुए थे मगर भूखे पूट भजन नाा होए गोपाला वाली कहावत भी सबके जेहन में थी इसी बीच नगर कांग्रेस अध्यक्ष दादू जायसवाल, पूर्व नपा अध्यक्ष श्याम सुंदर अग्रवाल, अधिवक्ता गिरधर जायसवाल, समाज सेवी और कांग्रेस नेता पिन्टु ठाकुर स्थानीय विधायक और विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत में प्रतिनिधि के रूप में अपनी सेवा देने मौके पर पहुंचे और देखे कि कुछ व्यवस्थाओं में कमीं है और रेस्क्यू दल के प्रमुख दोनों टीमों को भोजन मिलने में परेशानी हो रही तो तत्काल सक्ती के कांग्रेस के इन चारों ने भोजन की व्यवस्था का दारोमदार अपने उपर लिया। वहीं पल पल की खबर लोगों तक पहुंचाने का काम रहे मीडिया के बंधुओं के लिए पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल द्वारा पूर्व नपा अध्यक्ष सक्ती श्याम सुंदर अग्रवाल की मदद ली गई जिसे श्याम सुंदर अग्रवाल ने पूरी जिम्मेदारी से निभाया।

डॉ महंत के 6 महारथी जिन्होंने रेस्क्यू की टीम सहित अधिकारी, कर्मचारियों और नागरिकों के बीच आपसी तालमेल भी बनाया, जिसमे त्रिलोक चंद उर्फ दादू जायसवाल, श्याम सुंदर अग्रवाल, गिरधर जायसवाल, अभिषेक उर्फ चिंटू ठाकुर, प्रवीण चंद्रा गोलू शामिल हैं। डॉ महंत भी लगातार इन 6 लोगों से संपर्क में थे और इन्ही के माध्यम से प्रशासनिक अधिकारियों से भी जुड़े हुए थे।

वंदना इंजिनीयरिंग द्वारा हर संभव मदद की गई रेस्क्यू टीम को

वंदना इंजिनीयरिंग के एमडी जो कि कांग्रेस नेता के साथ साथ डॉ महंत के बेहद करीबी भी हैं उनके द्वारा भेजन की व्यवस्था के साथ साथ कटर, और वेल्डिंग की पूरी अपने फर्म की टीम को चार दिनों तक माके पर ही रख दिया था ताकि कुछ भी और कभी भी जरूरत के हिसाब से काम किया जा सके। वहीं सुरंग के लिए लोहे के 900 एमएम के गोल पाइप को कई हिस्सों में काटने का काम वंदना इंजिनीयरिंग द्वारा किया गया। साथ ही साथ रेस्क्यू से संबंधित जो भी लोहे के सामान काटने और वेल्डिंग करने का जिम्मा भी बखूबी उठाया।

पिन्टू ठाकुर और गिरधर जायसवाल की जोड़ी की भी तारीफ
समाज सेवी पिन्टू ठाकुर और नोटरी/अधिवक्ता गिरधर जायसवाल की जोड़ी को नगर में भी जय और वीरू की जोड़ी के नाम से पुकारा जाता है दोनों लगातार दादू जायसवाल के साथ भोजन व्यवस्था मे ंतो लगे ही थे साथ ही छोटी मोटी से लेकर बड़ी बड़ी जरूरतों के लिए भी तत्परता से जुटे हुए थे। रेस्क्यू टीम के साथ साथ पुलिस, प्रशासन और अन्य सभी लोगों को पानी नास्ता दवाई तक मुहैया कराने में जुटे थे।

महिला आईएएस द्वय सुश्री नुपुर और रेना जीमल की तत्परता के लोग हुए कायल

सक्ती नव घोषित जिले की ओएसडी सुश्री नुपुर राशि पन्ना और अनुविभागीय अधिकारी राजस्व रेना जमील की तत्परता देख अच्छे से अच्छा इंसान भी इनकी तारीफों के पुल बांध रहा है। हर किसी की जुबान में बस एक ही बात कि दोनों अधिकारी एक ही प्रदेश यानी झारखण्ड से हैं और दोनों ही छत्तीसगढ़ में आईएएस के रूप में सेवा दे रही हैं और आज की स्थिति में दोनों अधिकारी सक्ती में अपनी एक साथ सेवाएं दे रही हैं और राहुल रेस्क्यू में भी दोनों महिला आईएएस दिन रात, धूप छांव कंधे से कंधा मिलाकर आपसी सामंजस्य स्थापित कर पूरी इमानदारी से एक बच्चें को सकुशल निकालने के लिए भिड़ी हुई थीं।

प्रशासनिक अधिकारियों को लेकर लोगों के मन की भ्रांतियां दूर कर दिया जांजगीर प्रशासन ने

जिले के कलेक्टर जिनेन्द्र शुक्ला वैसे तो दो घंटे देर पहुंचे मगर उनका दिशा निर्देंश में ही रेस्क्यू का कार्य प्रारंभ हुआ साथ ही एडीएम जांजगीर राहुल देव आईएएस ने अपने हम नाम को बचाने के लिए अपनी पूरी ताकत भी झोंकी। क7लेक्टर जिनेन्द्र शुक्ला 10 जून को करीब 7 बजे शाम जिले के पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल व एडीएम राहुल देव के साथ पहुंचे और फिर 14 जून तक के लिए अपना अस्थाई ठिकाना पिहरीद को ही बना लिए थे। सोमवार को पुलिस अधीक्षक की तबियत बिगड़ी तो वे जांजगीर आ गए मगर रात को फिर पहुंच गए। ऐसे ही डभरा एसडीएम सुश्री दिव्या अग्रवाल, सक्ती तहसीलदार मनमोहन प्रताप, हसौद तहसीलदार आशीष पटेल सहित नवागढ़ तहसीलदार और पामगढ़, बालोद चांम्पा के तहसीलदार पूरे समय जूझते ही रहें।

इन सब के बीच दो नाम और उभर के सामने आए
जिनमें एक नाम चिंटू ठाकुर और दूसरा प्रवीण चन्द्रा गोलू का था जो लगातार प्रशासनिक अधिकारियों के भोजन व्यवस्था के साथ साथ पीएचई, पीडब्ल्यूडी, सिंचाई, ईएण्डएम सहित जो भी बाहर से अधिकारी कर्मचारियों का दल आया था उनके भोजन की व्यवस्था को लेकर पूरी तरह से भिड़े हुए थे।

कलेक्टर ने कहा कि दादू तुम ही पूरा पुण्य ले लोगे हमें भी तो मौका दो

कलेक्टर जितेन्द्र शुक्ला ने वंदना इंजिनीयरिंग के एमडी दादू जायसवाल को कहा कि अरे भाई दादू तुम ही पूरा पुण्य ले लोगे क्या हमारे लिए भी तो कुछ बचाओ, इस पर दादू जायसवाल ने कहा कि सर मैं तो अदना सा इंसान हूं बस अपने दिल की सुनता हूं और बस आप लोगों के कहे अनुसार काम करता हूं। यह बात तब हुई जब दादू जायसवाल, पिन्टू ठाकुर और गिरधर जायसवाल द्वारा रेस्क्यू टाम के लोगों को खाने और पीने की सामाग्री वितरण कर रहे थे।

राहुल साहू रेस्क्यू कार्य में हर तरह की मशीनों की ली गई मदद

राहुल के रेस्क्यू के लिए जहां जेसीबी, पोकलेन, हाईड्रा सहित हाईवा, ट्रेक्टर, बोर मशीन दमकल मशीन सहित छोटी बड़ी सैकडों मशीनें लगी हुई थी जिनमें लखों के डीजल पेट्रोल की खपत हुई वहीं ग्रामीणों ने भी लगातार अपना बोरवेल चलाया ताकि राहुल जिस बोरवेल में फंसा था वहां पानी का भराव ना हो।

अंत में एक बात जरूर जो प्रारंभ में कही गई

राहुल बेटा मैं आ रहा हूं… यह आवाज थी बी अनिल कुमार की जो एनडीआरएफ टीम का मेंबर था और शुरू दिन से ही राहुल पर नजरें बनाए हुआ था साथ ही राहुल के खाने पीने की जिम्मेदारी उठाए हुए था। बोरवेल के उपर बैठा बी अनिल कुमार कैमरे की मदद से राहुल को लगातार आब्जर्व कर रहा था साथ ही राहुल को खाना खिलाना और ़उसकी देखरेख करने की जिम्मेदारी उठाए हुए था। राहुल साहू बात नही ंकर सकता है मगर थोड़ा सुनता जरूर है और बोरवेल के अंदर रहते हुए राहुल सिर्फ अनिल की बात पर ही हलचल करता था राहुल दिमागी तौर पर थोड़ा डरा हुआ था मगर अनिल के कहने पर नींद से उठकर यह जरूर अहसास कराता था कि आपलोग जो मेरे जीवन के लिए मेहनत कर रहें हैं तो मैं भी आप लोगों को मायूस नहीं करूंगा और मैं जिंदगी की जंग जीत कर जरूर आउंगा। राहुल लगभग 104 घंटे 10 इंच के एक छोटे से अंधेरे गुफा में बैठा था और लोगों की उम्मीद को बनाए रखा था। बी अनिल कुमार को इन चार दिनों में राहुल से जो लगाव हुआ उसी जुड़ाव ने उसे मार्मिकता के चरम पर पुहंचाया और राहुल की रेस्क्यू टीम जब टनल बना राहुल के करीब पहुंची तो बी अनिल कुमार सीधे राहुल के पास दौड़ता भागता पहुंचा। सभी लोगों ने एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और भारत माता के गगनचुम्बी नारे लगाने शुरू किए।

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