
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र जारी है। बजट सत्र में बुधवार को नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया को अपने ही जवाब पर असहज सी स्थिति का सामना करना पड़ा। दरअसल ध्यानाकर्षण के दौरान पूर्व मंत्री और रायपुर दक्षिण के विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने राजधानी रायपुर में गोलबाजार के व्यापारियों से विकास शुल्क की वसूली किये जाने का मामला उठाया। श्री अग्रवाल के ध्यानाकर्षण पर पर जवाब देते हुए नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया ने कहा- 1857 में रायपुर नगर पालिका का निर्माण हुआ। इस पर बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि, मंत्री सदन में असत्य कथन दे रहे हैं। नगर पालिका 1977 में बनी है। 1920 में देश आज़ाद ही नहीं हुआ था तो उन व्यापारियों को पट्टा किसने दिया ? बृजमोहन अग्रवाल के इतना कहते ही मंत्री श्री डहरिया थोड़े असहज हुए और सदन में विधायकों की हंसी छूट पड़ी।
विधायक बृजमोहन ने कहा- जमीन के नियम निर्धारित नहीं हुए हैं। आज तक के इतिहास में इस तरह के आबंटन हुए हैं क्या? नगर पालिका हो या नगर निगम, उनका उद्देश्य लोगों की सेवा करना है, न कि पैसे कमाना। शासन 1 रुपये में जमीन दे रहा है और ये लोग उनसे पैसे कमाने की कोशिश कर रहे हैं। ये बाजार रायपुर का ऐतिहासिक बाज़ार है। हिंदुस्तान के आज़ाद होने के बाद उस बाजार का नाम गांधी बाजार रखा गया है। इन बाजारों में सकरी गलियां हैं, उनका भी रेट वही रख दिया गया जो रेट मालवीय बाजार और अन्य बड़े बाज़ारों का है। बृजमोहन ने पूछा क्या शासन उनसे नियमानुसार 2% टैक्स लेकर उन्हें जमीन फ्रीहोल्ड करेगी क्या? ये कानून तुगलकी कानून हैश् व्यापारियों को तीनों मंजिलों का पैसा देना होगा।