
अशोक सारथी, आपकी आवाज न्यूज धौराभांठा:- जिले के तमनार ब्लॉक अंतर्गत् धौराभांठा, झरना, लिबरा एवं टपरंगा के मध्य सुमेरु डोंगरी पर स्थापित मैहरवाली मां शारदा देवी मंदिर में हर वर्ष के की भांति इस वर्ष भी चैत्र नवरात्रि पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है।
मनोकामना दीपक की लौ से जगमगा रहा मैहर वाली मां शारदा देवी की दरबार…
मां शारदे की कृपा से मंदिर के मनोकामना दीप गृह में हजारों भक्तों ने श्रद्धा विश्वास के साथ अपनी मन्नत पूरी करने के लिए नवरात्रि नौ दिनों तक के लिए अखण्ड मनोकामना दीप प्रज्वलित किये हैं, तन मन धन से सच्ची लगन से रोज सुबह शाम भक्त मां की मंदिर में आकर श्रद्धा भाव मां पूजा अर्चना करते हैं साथ ही साथ अपनी अपनी मनोकामना दीप की भी सेवा कर दर्शन करते हैं। सच्ची भक्ति भाव से जो भी भक्त मां मां शारदे की सेवा करते हैं उन्हें मां की दया आर्शिवाद मिलती है जिससे जीवन की अनेक दु:ख परेशानीयां, संकट दूर होती है।
मान्यता..
ऐसी मान्यता है कि जो लोग देवी मां शारदा की पूजा श्रद्धा और विश्वास के साथ करते हैं, उन पर देवी मां अपनी कृपा सदैव बनाए रखती हैं। साथ ही वह अपने भक्तों को बुद्धि और ज्ञान के क्षेत्र में सफलता प्रदान करती है। कहा जाता है कि जो भक्त एक बार इस दरबार में माता के आगे अपना माथा टेक लेता है, उन्हें कभी निराशा हाथ नहीं लगती है। इसलिए सालों भर यहां श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिलती है।
मंदिर के कर्ता-धर्ता बाबा संतोषानंद पुजारी ने बताया कि पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब शक्ति स्वरूपा मां सती ने यज्ञ कुंड में कूद कर आत्मदाह कर लिया था, तब भगवान शिव उनके शव को लेकर पूरे ब्रह्मांड में घूम रहे थे। इस दौरान माता के शरीर का जो भी अंग जहां-जहां धरती पर गिरा, वहां उनका पवित्र स्थान शक्तिपीठ बन गया। उनमें से एक मैहर का मंदिर भी शामिल है और इस स्थान का नाम मैहर इसलिए पड़ा क्योंकि यहां पर मां सती का हार गिरा था। पुजारी ने आगे बताया कि सुमेरु डोंगरी में स्थापित मां शारदा देवी की प्रतिमा में वही मैहर वाली मां शारदा देवी की शक्ति समाहित है, मां शारदे कि इस मंदिर में जो भी भक्त मत्था टेकने आते हैं उन पर मैहर वाली मां शारदा देवी जी दया कृपा की मेहर बरसती है।
मंदिर में चैत्र नवरात्र के शुरुआत 29 मार्च से मंदिर में सुबह शाम हर समय भक्तों का पूजा अर्चना करने आना जारी है, हर शाम को क्षेत्र गांव धौराभांठा, टपरंगा, लिबरा, झिंकाबहाल, झरना, आमगांव तमाम ग्रामों से श्रद्धालु भक्त सैकड़ों से ऊपर संख्या में मां शारदे की आरती शामिल होते हैं। बाजे- गाजे के साथ किर्तन करते हुए भक्त झूमते गाते हुए मां की मंदिर में परिक्रमा कर आरती करते हैं। आरती उपरांत सभी भक्तों को मां की दया रूपी प्रसाद वितरण की जाती है।