
वाह क्या बात है,गांव तक पहुंच गई कलेक्टर की गाड़ी, नहीं पहुंच सकी तो बस एंबुलेंस।
लोकेसन – एमसीबी खड़गवाँ
रिपोर्टर – रईस अहमद
इन दिनों खाट पर लिटा कर एंबुलेंस तक ले जाने वाला वीडियो बहुत चर्चा में है और हो भी क्यों ना क्योंकि वीडियो सरकारों की उदासीनता को दर्शाता है। पंडो जनजाति की समरिया बाई नामक महिला जो निवारी बहरा ग्राम कटकोना खड़गवाँ की निवासी है, उसे किसी जहरीले जीव ने काट लिया था। जिससे महिला बेहोश हो गई थी और परिजनों ने 108 पर कॉल कर एंबुलेंस घर तक बुलाया था। पर एंबुलेंस चालक ने गाड़ी को गाँव घर तक ना ले जाकर रोड पर ही गाड़ी को खड़ा कर दिया।
इस पूरे मामले में कुछ और तथ्य सामने आ रहे हैं परिजनों ने मरीज को शासकीय अस्पताल मे सुविधा न मिल पाने के कारnण बैकुंठपुर शर्मा हॉस्पिटल मे इलाज कराया है। इलाज के दौरान परिजनों को पैसे की आवश्यकता थी तो परिजनों ने
20 हजार रुपये में ज़मीन गांव के ही भरतलाल साहू नामक व्यक्ति को गिरवी रखी ।
राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले आदिवासी पंडो जनजाति का यह परिवार दोहरी मार झेलने को मजबूर है पहले मरीज को खटिया में पैदल ले गए फिर इलाज के लिए ज़मीन गिरवी रखनी पड़ी। पूरे मामले में स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता साफ देखी जा सकती है। घटना की जानकारी कलेक्टर एमसीबी को लगते ही कलेक्टर साहब मरीज का हाल-चाल लेने उसके घर तक अपनी गाड़ी से पहुंच गए।
अब बड़ा सवाल यह उठता है 1. कि जब कलेक्टर साहब की गाड़ी समरिया बाई के गांव घर तक पहुंच सकती है तो एंबुलेंस चालक को एंबुलेंस गांव तक ले जाने में क्या दिक्कत थी ?
- आखिर क्यों गरीब आदिवासी पंडो जनजाति के इस परिवार को मरीज का इलाज कराने के लिए शासकीय अस्पताल छोड़ प्राइवेट अस्पताल में मरीज को एडमिट कर इलाज कराना पड़ा जिस वजह से इनको अपनी जमीन महज 20 हजार में गिरवी रखनी पड़ी ?
