विधानसभा में हसदेव अरण्य में कोल ब्लॉक रद्द करने का अशासकीय संकल्प पारित, जानें- सीएम ने क्या कहा?

रायपुर. हसदेव अरण्य के सभी कोल ब्लॉक रद्द करने का संकल्प जेसीसीजे के विधायक धर्मजीत सिंह की ओर से पेश किया गया. संकल्प पेश करते हुए धर्मजीत सिंह ने कहा कि  छत्तीसगढ़ में 57 हज़ार मिलियन टन का कोल भंडार है. पचास साल में भी 25 फीसदी ही खनन किया जा सकता है. बड़ा कोल भंडार माड़ नदी और हसदेव नदी के पास है, जो सघन वन क्षेत्र है. हसदेव से लगे मदनपुर में राहुल गांधी आए थे उन्होंने कहा था कि वह खुद आदिवासियों की लड़ाई लड़ेंगे. लेकिन इसी मदनपुर का ढाई सौ एकड़ ज़मीन कोल ब्लॉक में आ गई है.

धर्मजीत ने कहा कि जब कोल ब्लॉक की कमर्शियल नीलामी शुरू हुई थी, तब मुख्यमंत्री ने केंद्र से अपील की थी. तब केंद्र ने हटा दिया था. धर्मजीत सिंह ने कहा कि कोल ब्लॉक दिए जाने से मानव हाथी संघर्ष बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि सभी दलों के लोग हरिहरपुर चलकर देखें और तब सबको लगेगा कि ये जंगल कट जाना चाहिए तब मैं भी कहूंगा कि कट जाने दीजिए. यक़ीन मानिए इतना खूबसूरत जंगल देखकर आंख से आंसू निकल जाएंगे.आज जो खूबसूरती दिख रही है, अगर वहां खनन शुरू होगा तो सिर्फ धूल दिखेगी.

केन्द्र से टकराना है टकराइये, लेकिन..
धर्मजीत सिंह ने कहा कि केंद्र से टकराना है तो टकराइए लेकिन खनन रोकिए. छत्तीसगढ़ की वन सम्पदा, खनिज सम्पदा की रक्षा करना हम सबका कर्तव्य है. कोल ब्लॉक में इंग्लैंड और पोलेंड की मशीनें आ गई हैं. एक पेड़ काटने में तीन मिनट लगते हैं. कुछ महीनों में तीन लाख पेड़ कट जाएंगे. फूटबाॅल मैदान जैसी स्थिति दिखेगी. इस अशासकीय संकल्प को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि कोयला आबंटन भारत सरकार करती है. किसे कौन सा ब्लॉक दिया जाए ये केंद्र ही तय करती है, जिसके बाद पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायकअजय चंद्राकर ने कहा कि सदन में आप एनओसी रद्द करने की घोषणा कर दीजिए.

इसके बाद सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि लोग गुमराह कर रहे हैं कि राज्य सरकार इस पर कुछ करती है. हसदेव जल संग्रहण क्षेत्र है. यहां से कोरबा, रायगढ़, जांजगीर चम्पा में सिंचाई होती है. छत्तीसगढ़ शासन ने 1995 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में लेमरु एलिगेंट रिजर्व घोषित किया गया है. उससे जुड़े कोल ब्लॉक में रोक लगाने की मांग केंद्र से की गई है. उन क्षेत्रों में खनन पर रोक लगी हुई है. सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि सरकार सदन में प्रस्तुत अशासकीय संकल्प का समर्थन करती है. बहरहाल उम्मीद जताई जा रही है कि अशासकीय संकल्प पारित होने के बाद हसदेव में अब जंगलों की कटाई रोक दी जाएगी.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button