
ब्रा के हुक को बताया जा रहा कारण
डॉक्टर बनने की चाहत के लिए परीक्षा देने पहुंची सैकड़ों बेटियों को नियमों के खिलाफ परीक्षा केंद्रों पर इस पर हरकत को मजबूरी में झेलना पड़ा। अपना करिअर दावं पर लगा होने के कारण उन्हें शर्मसार होना पड़ा। इसके खिलाफ छात्राओं और उनके परिजनों ने शिकायत दर्ज करवाई है। वहीं, रिपोर्ट्स के अनुसार, सफाई देते हुए केरल के कोल्लम में स्थित परीक्षा केंद्र संचालकों की ओर से कहा जा रहा है कि बाहरी जांच एजेंसी द्वारा परीक्षा देने पहुंची छात्राओं की ब्रा उतरवाई गई, इसके पीछे का कारण ब्रा का हुक को बताया जा रहा है। ये हुक जो की मेटल के बने होते हैं और मेटल डिटेक्टर के संपर्क में आने पर बीप करने लगते हैं। इसलिए ऐसा किया गया होगा।
मेटल डिटेक्शन स्टेज पर इनरवियर हटाने के लिए बोला
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मामला केरल के कोल्लम का है। रविवार को लगभग 100 छात्राओं को उस समय शर्मसार होना पड़ा जब उन्हें मेडिकल प्रवेश परीक्षा – नीट 2022 देने से पहले अपनी ब्रा उतारने के लिए कहा गया। परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने से पहले उन्हें जांच प्रक्रिया के दौरान मेटल डिटेक्शन स्टेज पर इनरवियर को हटाने के लिए कहा गया। छात्राओं ने शिकायत की कि सबसे कठिन मेडिकल दाखिला परीक्षा का सामना करने के ठीक पहले उन्हें इस मानसिक आघात का सामना करना पड़ा।
डीएसपी कार्यालय में दर्ज कराई शिकायत
परिजनों ने परीक्षा केंद्र के अधिकारियों की इस हरकत के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। प्राथमिक जानकारी के अनुसार लगभग 100 लड़कियों को इस स्थिति का सामना करना पड़ा। कोट्टारक्का के पुलिस उपाधीक्षक के कार्यालय में इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई गई है। परीक्षार्थियों के अनुसार, रविवार को परीक्षा के बाद उनके अंडरगारमेंट्स को डिब्बों में भरकर एक साथ फेंके गए थे।
NEET परीक्षा केंद्र ने झाड़ा पल्ला, कहा- बाहरी एजेंसी ने ली थी तलाशी
मामले के तूल पकड़ने पर केरल के अयूर चदायमंगलम में मार्थोमा इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ने यह कहते हुए जिम्मेदारी से इनकार किया है कि बाहरी एजेंसियों द्वारा तलाशी और बायोमेट्रिक जांच की गई थी। इसमें कॉलेज प्रबंधन के सदस्य शामिल नहीं थे। ब्रा के हुक मेटल के होते हैं शायद इसलिए यह वाकया हुआ होगा। वहीं, ड्रेस कोड के अनुसार, छात्रों को परीक्षा हॉल में प्रवेश करते समय मेटल, किसी भी धातु की वस्तु या आभूषण आदि पहनने की अनुमति नहीं है। वहीं, विशेषज्ञों के अनुसार, एनटीए की एडवाइजरी ब्रा और अंडरगारमेंट्स के बारे में बात नहीं करती है। यानी कि जांच का यह तरीका सरासर गलत और नियम विरूद्ध है।
महाराष्ट्र में उतारना पड़ा हिजाब, परिजनों ने जताया विरोध
वहीं, महाराष्ट्र के एक परीक्षा केंद्र पर कुछ मुस्लिम लड़कियों ने दावा किया है कि जब वे राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा यानी नीट यूजी परीक्षा में शामिल होने के लिए पहुंचीं तो वहां उनसे उनका बुर्का और हिजाब जबरन उतरवा दिया गया। जबकि गाइडलाइन में धार्मिक वस्त्र पहनने की अनुमति की बात कही गई थी। इसे लेकर कुछ छात्रों ने परिजनों ने विरोध जाहिर किया है और मामले में शिकायत भी दर्ज कराई है। इतना ही नहीं, कई अन्य राज्यों से भी हिजाब, बुर्का और दुप्पट्टे उतरवाने के भी मामले सामने आए हैं।