
विश्व एड्स दिवस के अवसर पर 153 बंदियों का हुआ एचआईवी/एड्स की जांच
दिनेश दुबे
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विश्व एड्स दिवस के अवसर पर 153 बंदियों का हुआ एचआईवी/एड्स की जांच
बेमेतरा— विश्व एड्स दिवस अवसर पर जिला एड्स नियंत्रण समिति अध्यक्ष कलेक्टर बेमेतरा, एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बेमेतरा के दिशा निर्देश पर उप जेल में विचाराधीन 153 बंदियों का एचआईवी/एड्स के साथ हेपेटाइटिस बी एवम् सी सहित कोविड़ की जांच किया गया। जेल को संक्रमति बीमारियों के लिए हाई रिस्क एरिया माना जाता है इसलिए जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. वंदना भेले के मार्गदर्शन पर उपजेल बेमेतरा के विचाराधीन कैदियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। जिला अस्पताल आईसीटीसी केंद्र के फार्मासिस्ट दीक्षा अंगारे, आईसीटीसी परामर्शदाता पुराणिक नायक, मेडिकल लैब टेक्नोलॉजिस्ट संजय तिवारी, एमएलटी गीतांजलि हिरवानी, गुपेश्वर साहू अस्पताल के स्टॉफ ने सभी बंदियों का जांच किया।
इस अवसर पर जिला एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. नितेश चौबे, कोविड-19 नोडल अधिकारी डॉ. ज्योति अनिल जेसाठी, जिला चिकित्सालय के आरएमओ डॉक्टर( जेल) प्रवीण प्रतीक प्रधान, डॉ. कुंदन स्वर्णकार, जेलर उप जेल बेमेतरा आर. के. बंजारे, विधिक सलाहकार एडवोकेट सूरज मिश्रा के साथ उप जेल के अधिकारी व कर्मचारी भी उपस्थित रहे।
जिला एड्स नियंत्रण के नोडल अधिकारी डॉ. नितेश चौबे ने बताया, विश्व एड्स दिवस के मौके पर सीएचसी आईसीटीसी साजा में आज पं. देवीप्रसाद चौबे शासकीय कॉलेज में कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस वर्ष का थीम – असमानताओ का अंत करे, एड्स का अंत करे, महामारी का अंत करे…. पर आधारित थीम के साथ समाज को जागरूक करने का संदेश दिया गया। जिला नोडल अधिकारी डॉ. चौबे ने बताया, इस वर्ष 1 जनवरी से 30 नवंबर 2021 तक जिला अस्प ताल के आईसीटीसी केंद्र में 3829 लोगों की जांच में 22 , आईसीटीसी साजा में 3500 लोगों की जांच में 5 और आईसीटीसी बेरला में 1022 लोगों की जांच में 3 एचआईवी पॉजिटिव मिले। यानी की इस वर्ष जिले के तीनों आईसीटीसी में सभी वर्गों के लोगों की जनरल व गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच में 11 माह में कुल 8,351 लोगों की जांच में से 30 एचआईव्हील /एड्स से संक्रमितों की पहचान हो सकी है। सभी को आईसीटीसी केंद्रों के माध्यम से काउसलिंग कर ए आर टी व लिंक ए आर टी माध्यम से इलाज व दवाइयां प्रदान की जा रही है।
कार्यक्रम में कॉलेज के विद्यार्थियों के बीच एड्स के लक्षण, बचाव, इलाज संक्रमण के विभिन्न माध्यम को विस्तार से जानकारी दिया गया। इस मौके पर खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. ए. के. वर्मा के मार्गदर्शन में आईसीटीसी साजा परामर्शदाता अभिषेक राजपूत, अरुण यादव लैब टेक्नीशियन, पूरन आनंद वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक, महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक भी उपस्थित थे। खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. ए.के. वर्मा द्वारा रेड रिबन लगाकर जागरूकता का संदेश दिया। उन्होंसने बताया, विश्वभर में एड्स के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 01 दिसंबर को वर्ल्ड एड्स डे (World AIDS Day)) मनाया जाता है। एड्स एक लाइलाज बीमारी है। इसका अभी तक कोई इलाज नहीं मिला है। बचाव ही इसका एकमात्र इलाज है।
डॉ. वर्मा ने बताया, यह बीमारी, ह्यूमन इम्यूनो डेफिशियेंसी (HIV) वायरस के संक्रमण से होती है। एचआईवी एक वायरस है। यह वायरस शरीर के इम्यून सिस्टम पर अटैक करके टी सेल्स को खत्म करता है। इससे व्यक्ति का शरीर नॉर्मल बीमारियों से भी लड़ने में सक्षम नहीं रह पाता है। समय पर एचआईवी का इलाज नहीं होने से इसका इंफेक्शन बढ़ता है और एड्स का कारण बन जाता है। राज्य एड्स कंट्रोल सोसायटी द्वारा एड्स के संबंध में टोल फ्री नम्बर 1097 में जारी की गई है जिसमें डॉयल कर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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