डर का सामना कीजिए, कठिन विषयों को हल कीजिए और इसकी आदत बनाइए जो सफल जीवन के लिए बेहद जरुरी है।

सभी बच्चों के अंदर समान क्षमता होती है, ना किसी में कम और न किसी में ज्यादा। सोमवार को शहर के समीप ग्राम दोड़काचौरा में  स्थित जवाहरलाल नेहरू आदर्श उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय में जिला पंचायत जशपुर के सीईओ जितेंद्र कुमार यादव ने संस्था में अध्ययनरत छात्रों को कैरियर मार्गदर्शन करते हुए उक्त बातें कही।  इस सत्र में शासकीय आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय  और शासकीय प्रयास आवासीय विद्यालय

सीईओ जितेंद्र यादव सर की क्लास में शामिल छात्र व छात्राएं

के कक्षा 9वीं से 12 वीं तक के सभी विद्यार्थी, सुश्री कमला केरकेट्टा, प्राचार्य एवं दोनों विद्यालयों के सभी शिक्षक शामिल हुए।विद्यार्थियों को विभिन्न कैरियर विकल्पों की जानकारी देते हुए श्री यादव ने कहा  कि सभी बच्चों के अंदर समान क्षमता होती है, ना किसी में कम और न किसी में ज्यादा। टोक्यो ओलंपिक में जेवलिन थ्रो में स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा का उदाहरण देते हुए उन्होंने समझाया कि जो बच्चे अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए डिवोशन, डिसिप्लीन और डेडीकेशन के साथ तैयारी करते हैं, उनकी प्रतिभा निखर कर सामने आती है और वो अपने जीवन में सफल होते हैं।

घरों में परिवा

जिला पंचायत जशपुर के सीईओ जितेंद्र कुमार यादव ने मॉडल स्कूल और प्रयास के बच्चों को बेहतर भविष्य के लिए दिए गुरुमंत्र

र के साथ रहकर तैयारी करने की तुलना में  छात्रावास का वातावरण एक बेहतर विकल्प है, जो भाग्यशाली लोगों को ही मिलता है। इसलिए आप अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए आगे बढ़िए। विषय से संबंधित किसी भी तरह की समस्या होने पर अपने शिक्षक से जब आवश्यकता पड़े, बिना किसी संकोच के मार्गदर्शन लीजीए। श्री यादव ने विद्यार्थियों को उदाहरण देकर यह भी समझाया कि समय प्रबंधन कैसे करें और अध्ययन के लिए विषयों के चयन का प्रतिदिन क्रम किस तरह बनाना चाहिए। कुछ छात्र उन्हें कठिन लगने वाले विषयों के अध्ययन का क्रम सबसे  अंत में रखते हैं। यह देखा गया है कि ऐसे छात्रों के अंदर यह प्रवृत्ति बन जाती है कि वो  अपने जीवन की कठिन समस्याओं को अपनी प्राथमिकता के सबसे अंत में रखते हैं। इसलिए कठिन विषयों से बिलकुल भी डरना नहीं चाहिए, जो विषय आपके लिए कठिन हों, वो दूसरों के लिए सरल हो सकते हैं।   डर का सामना कीजिए, कठिन विषयों को हल कीजिए और इसकी आदत बनाइए जो सफल जीवन के लिए बेहद जरुरी है। जिस तरह प्याज की परत एक के बाद दूसरी परत खुलती जाती है, उसी तरह से जीवन में प्रतिदिन एक नया अवसर मिलता है।
*मोबाइल के बिना भी दुनिया चलती रहती है*
लिजार्ड सिंड्रोम के बारे में बताते हुए श्री यादव ने विद्यार्थियों से कहा कि  आवश्यक हो तो मोबाइल पर दिन में एक या अधिकतम दो बार नोटिफिकेशन, जानकारियां देख लें।  दिन भर उसमें लगे न रहें। यह सोचना कि मोबाइल पर मिलने वाली  हर जानकारी आप तक सबसे पहले पहुंचे, ठीक नहीं है। मोबाइल का उपयोग कुछ दिनों के लिए बंद करके देखिए, आपको समझ आ जाएगा कि मोबाइल पर मिलने वाली जानकारियां आप तक नहीं पहुंचने के बावजूद दुनिया पहले की तरह ही चल रही है। अपने बारे में बताते हुए श्री यादव ने कहा कि पढ़ाई के दौरान उनके पास बटन वाला मोबाइल था और वो आज भी कई सोशल मीडीया के प्लेटफार्म से दूर हैं। 
श्री यादव ने अध्ययन के दौरान एकाग्रता बनाए रखने के  कई विकल्प बच्चों को बताते हुए विद्यालय में अध्ययन-अध्यापन के साथ मानसिक स्वास्थ्य के लिए योग और मेडिटेशन सत्र आयोजित करने के लाभ भी बताए। विषय की बेहतर समझ बनाने, नोट्स तैयार करने और उन्हें याद रखने के तरीकों पर विस्तार से चर्चा करते हुए उन्होंने काॅन्फिडेन्स और ओवर काॅन्फिडेन्स में अंतर उदाहरण के साथ स्पष्ट किया। सत्र के अंत में उन्होंने उपस्थित विद्यार्थियों  से उनकी समस्याओं के संबंध में चर्चा की और  उनके निराकरण के उपाय बताए।

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