Chhattisgarh: रायगढ़ में ग्रामीणों और वैज्ञानिकों ने किया कमाल, झरने के पानी से किया बिजली का उत्पादन

 Raigarh: बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान (Shahrukh Khan) की 2004 में आई स्वदेश फिल्म तो आपको याद ही होगी. फिल्म में शाहरुख खान गांव में बिजली (Electricity) की समस्या को दूर करते हैं. इसी तरह छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के रायगढ़ (Raigarh) जिले में ग्रामीणों और वैज्ञानिकों ने कमाल कर दिया है. घने जंगल के बीच बसे गांव में पहाड़ी झरने से बिजली उत्पादन किया गया है जिसकी चर्चा पूरे में हो रही है. रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ ब्लॉक के पहाड़ी में उरांव जनजाति के 2 गांव हैं. ये दोनों गांव छाता नाला के दोनों तट पर माली कछार और बेलसिंगा हैं. अब तक इन गांवों में बिजली नहीं पहुंच पाई है. जिसके चलते ग्रामीणों की रात अंधेरे में कटती थी. लेकिन, रात के अंधेरे को ग्रामीणों ने अपनी मेहनत और सामाजिक वैज्ञानिकों की सहायता से रोशन कर दिया है. पहाड़ी झरने से बिजली उत्पादन का प्रोजेक्ट सफल हुआ है. अब घने जंगल के बीच बसे गांव के लोगों को खुद की बिजली मिलेगी. अगले 15 दिन में गांव के हर घर में 5-5 बल्ब का बिजली कनेक्शन देने की तैयारी है. इसके अलावा झरने के बिजली से गांव के स्कूल (School) और आंगनबाड़ी को भी रोशन किया जाएगा.

लघु जल विद्युत परियोजना से 10 किलोवॉट बिजली उत्पादन
बिजली उत्पादन प्रोजेक्ट के सामाजिक वैज्ञानिक प्रो डीएस मालिया ने बताया कि ग्रामीणों को झरने से बिजली उत्पादन का आइडिया दिया था. इसपर ग्रामीणों ने सहमति जताई और मेरे मित्र आलोक शुक्ला, प्रमोद चंदेल और गुलाब पटेल की आर्थिक मदद से बिजली प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई. इसमें एक सप्ताह तक रोजाना ग्रामीणों ने मेहनत की और ये प्रयोग पूरी तरह से सफल हुआ है .झरने के पानी से 10 टरबाइन चल रही हैं इससे 10 किलोवॉट बिजली उत्पादन हो रहा है. वहीं, टरबाइन से जुड़े जनरेटर से 100-100 वॉट के बल्ब जलने लगे है. इससे ग्रामीण बेहद खुश हैं.

पहाड़ी में ये थी सबसे बड़ी चुनौती
इस प्रोजेक्ट से जुड़े प्रो डीएस मालिया ने बताया कि, प्रोजेक्ट को लाइट फॉर लाइफ का नाम दिया गया है. उन्होंने बताया की ये एक लघु जल विद्युत परियोजना है. इसके लिए क्रॉस फ्लो टरबाइन का इस्तेमाल किया गया है. उन्होंने बताया कि झरने के पानी को टरबाइन तक पहुंचना सबसे बड़ी चुनौती थी. क्योंकि झरना समुद्र तल से 1600 फीट की ऊंचाई पर है. यहां से सेक्शन पाइप के जरिए पानी लाकर टरबाइन चलाना था. इसके लिए पगडंडियों के सहारे खड़ी चढ़ाई चढ़नी पड़ी और इतनी ऊंचाई पर भारी मशीन और पाइप लाना बहुत दिक्कत का काम था लेकिन ग्रामीणों के उत्साह ने सभी मुसीबतों को आसान कर दिया.

शुरू किए जाएंगे इसी तरह के प्रोजेक्ट 
लघु जल विद्युत परियोजना सफल होने के बाद अब रायगढ़ और जशपुर के 3 गांवों को रोशन करने का प्लान है प्रो मालिया ने ये भी बताया कि माली कछार और बेसलिंगा गांव में बिजली पहुंचाने के बाद रायगढ़ के 2 गांव और कोरबा जिले के एक गांव में ऐसा ही प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा. इन गांवों में 30 किलोवॉट का माइक्रो हाइडल प्रोजेक्ट बनाया जा रहा है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button