शहर के सबसे पुराने औऱ विशाल भवन वाले शासकीय नटवर स्कूल मामले में 1 साल से शहर वासी और जिला प्रशासन के बीच विवाद थमने का नाम नही ले रहा है।

नटवर स्कूल मामले में तीखा विरोध आम नागरिकों के अलावा राजनीतिक हस्तियां भी उतरी विरोध में

रायगढ़:- साल भर में छः सात बार बड़ा विरोध किये जाने के बाद एक बार फिर बीते 2 दिन से नटवर स्कूल मामले में संयुक्त सघर्ष मोर्चा के बैनर तले जिला प्रशासन के खिलाफ शहर वासी एकजुट हुए है। नटवर स्कूल भवन के सामने संयुक्त संघर्ष मोर्चा के अनिश्चित कालीन धरना जारी है।

इस क्रम में आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और मोर्चा के सदस्यों के द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी का पुतला दहन कर प्रदेश सरकार सहित जिला प्रशासन के खिलाफ़ जमकर नारेबाजी की गई।

शहर वासियों का कहना है कि वे अपने ऐतिहासिक धरोहर को बचाने एक साथ खड़े हैं।तत्कालीन सम्राट महाराजा नटवर सिंह जी व सेठ किरोडीमल जी के द्वारा दान में दी गई भूमि और लाखों रुपयों की राशि से बने ऐतिहासिक विशाल नटवर स्कूल जो अविभाजित मध्य प्रदेश की सबसे खूबसूरत और भव्य स्कूल इमारत थी,इसके अस्तित्व को मिटाने में आज राज्य के मुखिया भुपेश बघेल के नेतृत्व में जिला कलेक्टर और प्रशासन जो काम कर रहा है हम शहर वासी इसका पुरजोर विरोध कर रहे है। नटवर स्कूल हम सब की धरोहर है,जिसे आज स्वामी आत्मा नंद स्कूल के नाम से धीरे-धीरे बदला जा रहा है। ऐसा कियॉ जाना हम रायगढ़ वासियों की संवेदनाओं के खिलाफ है। हम स्थानीय विभूतियों की इस कदर अपमान के प्रयास को कतई बर्दाश्त नही करेंगे।

वही राजपरिवार के सदस्य देवेंद्र प्रताप कहते है कि हमारे दादाजी महाराज नटवर सिंह के नाम से बना यह स्कूल भवन हमने आजादी और राज विलयन के बाद सशर्त सरकार को सौपा था। जिंसमे स्कूल भवन और स्कूल के नाम पर कोई परिवर्तन नही किया जाना प्रमुख था। आज हमारे विरोध का बड़ा कारण यह भी है कि किरोडीमल शासकीय नटवर स्कूल हिंदी माध्यम में 900 बच्चे पढ़ रहे थे। हिंदी माध्यम के सभी शिक्षको का यहां से अन्यत्र स्थान्तरण कर दिया गया है। जिससे इन 900 बच्चों का भविष्य अंधकार मय हो गया है। इसे लेकर जब-जब हमने प्रशासन से सवाल किया तब-तब उसकी तरफ से हम सब को गुमराह किया गया। यही वजह है कि आज हमने जिला शिक्षा अधिकारी के तुगलकी फरमान के विरोध में उनका पुतला दहन किया है आगे भी विरोध तब तक जारी रहेगा जब तक नटवर स्कूल मामले में जिला प्रशासन हमारी मांग नही मान लेता

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