
शहर में .. आशाओं का दमकता चेहरा. रामचंद्र शर्मा
रायगढ़ :
आज की युवा पीढ़ी की चाहत क्या है? कैसे उसके ख्वाबों पर परिस्थितियों व हालातो का पहरा बैठा रहता है। लेकिन इन मुश्किलों के बीच भी कैसे कुछ युवा चेहरे होते हैं जो बेहतरी की उम्मीदें जगाते हैं.। ऐसा ही शहर का एक युवा चेहरा जिसने अपने संघर्ष कड़ी मेहनत और ईमानदार प्रयासों से जीवन में एक ऊँचा मुकाम हासिल किया है। जिसमें हर चुनौती को सामना करने का साहस व क्षमता थी। उसने अपनी मेहनत से अर्जित की हुई उपलब्धियों से शहर के युवाओं को प्रेरित किया है। और आज जो युवाओं के लिए एक उदाहरण बन चुका है।आदरणीय रामचंद्र शर्मा जी भैया को सादर प्रणाम। आज शहर को ऐसे ही युवा व्यक्तित्व व नेतृत्व की आवश्यकता है। असीम संभावनाओं से भरी मिट्टी में मनोहारी प्रतिमा या कोई और वस्तु बनाने के लिए हमारे पास सांचे होने जरूरी है। मिट्टी को गीला करने भर से मनचाही आकृतियां नहीं बन जाती। मनचाही आपकी बनाने के क्रम में मिट्टी तो केवल जरिया होती है। असल में मनचाही आकृति बनाने के लिए किसी कलाकार के मन में कोई भी विचार ही होता है। वह सदैव हाथों से अपने मन में उकेरी गई प्रतिमा को आकार देता है। सीधे शब्दों में कहें तो मिट्टी के अनचाहे आकार बनाने के लिए प्रेरणा देने का काम कलाकार करता है। परंतु विडंबना यह है कि,मिट्टी चित्र बनाएं बर्तन और दूसरे सामान का प्रचलन नए दौर में खत्म होता जा रहा है। आज ना घर में कोई घड़े रखता है ना सुराही और ना दूसरी चीजें । कहने का तात्पर्य यह है कि,आज राजनीतिक संगठन पता नहीं क्यों,समाज शहर व प्रदेश का नेतृत्व रामचंद्र शर्मा जैसे ऊर्जावान मेहनती व बेदाग छवि वाले युवा को देने से परहेज करता है घबराता है। नौजवानों को प्रेरणा देने वाले तबके की पूछ परख खत्म होते जा रही है जो चिंतनीय हैं। सबका अपना अपना विचार है.. सबका अपना दृष्टिकोण..। किंतु सामयिक जरूरत व सच्चाई से मुंह भी तो नहीं मोड़ा जा सकता। आदरणीय रामचंद्र शर्मा जी आपको जन्मदिन पर अनेक अनेक शुभकामनाएं.. आप हमेशा स्वस्थ रहें..समृद्ध रहें.. सफलता की नई ऊंचाइयों की छुएं.. इन्हीं शुभकामनाओं के साथ जन्मदिन की पुन: मुबारकबाद..